नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) पद पर नियुक्ति के नियमों में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा बदलाव किया है.
रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को सीडीएस पद के लिए पात्र अधिकारियों के दायरे को विस्तृत करते हुए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं,
CDS अब नौसेना और वायुसेना में सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल या उनके समकक्ष भी बन सकते हैं.
यह दिशानिर्देश तीनों सेनाओं के दूसरे सर्वश्रेष्ठ सक्रिय रैंक के अधिकारियों के लिए,
अपने सेना प्रमुख-वायुसेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख जैसे वरिष्ठ को ‘सुपरसीड’ कर सीडीएस बनने का मार्ग प्रशस्त करते हैं.
पात्रता मानदंड में एक और अहम बदलाव यह किया गया है
कि हाल ही में रिटायर सेना प्रमुख और उप प्रमुख भी इस पद के लिए पात्र होंगे,
हालांकि इसके लिए आयुसीमा 62 वर्ष निर्धारित है.
CDS जनरल बिपिन रावत की पिछले साल दिसंबर में तमिलनाडु में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त से हुई मौत के बाद नियमों में यह बदलाव सामने आए हैं.
इस हेलीकॉप्टर में जनरल बिपिन रावत की पत्नी और
कुछ आला सैन्य अधिकारियों को भी जान गंवानी पड़ी थी.
इसके बाद से भारत का सीडीएस पद रिक्त है.
जनरल बिपिन रावत को सेना प्रमुख के पद से रिटायर होने के बाद देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नियुक्त किया गया था.
तीनों सेना प्रमुख कल दोपहर में नेशनल मीडिया सेंटर में एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
यह प्रेस कॉन्फ्रेंस सरकार की महत्वपूर्ण नीति के बारे में होगी.
हो सकता है कि तीनों सेना प्रमुख, टूर ऑफ ड्यूटी को लेकर ऐलान करें,
इसके तहत 40 से 50 हजार जवानों की भर्ती होगी.
इनकी करीब साढ़े तीन से चार साल की नौकरी होगी.
चार साल की नौकरी के बाद 75 फीसदी लोग निकल जाएंगे,
जबकि 25 फीसदी लोग आगे फौज में नौकरी कर सकेंगे.
गौरतलब है कि करीब दो ढाई साल से फौज में जवानों की भर्ती कोरोना की वजह से नही हो रही है.