Twin Tower Demolition:अवैध ट्विन टावर ‘इम्प्लोजन तकनीक’ से कुछ ही सेकेंड में होगा ध्वस्त

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Twin Tower Demolition

नोएडा:Twin Tower Demolition:नोएडा में सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर को आज ढहा दिया जाएगा. 40 मंजिला इमारत को ढहाने के लिए विस्फोटकों और संबंधित व्यवस्थाओं का शनिवार को अंतिम निरीक्षण किया गया.

Twin Tower Demolition:अधिकारियों ने बताया कि इमारत को ढहाने के लिए विस्फोटक लगाने और उन्हें जोड़ने का सारा काम पहले ही पूरा किया जा चुका है.

उन्होंने कहा कि केवल ट्विन टावरों को आपस में जोड़ने और संरचनाओं से ‘एक्सप्लोडर’ तक 100 मीटर लंबी केबल तार बिछाने का काम बचा है.

यह इमारत करीब 100 मीटर ऊंची है, जो कुतुब मीनार की ऊंचाई से भी अधिक है.

इमारत को गिराने का काम कर रहे,

एडफिस इंजीनियरिंग के अधिकारी ने बताया कि इसे 28 अगस्त को वाटर फॉल इम्प्लोजन तकनीक (Water Fall Implosion Technique) से सुरक्षित तरीके से गिराया जाएगा.

नोएडा बेस्ड कंपनी ने 2000 के दशक के मध्य में एमरल्ड कोर्ट नाम परियोजना की शुरुआत की.

नोएडा और ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के समीप स्थित इस परियोजना के तहत 3, 4 और 5 बीएचके फ्लैट्स वाले इमारत बनाने की योजना थी.

न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तुत योजनाओं के अनुसार,

इस परियोजना में 14 नौ मंजिला टावर होने चाहिए थे.

हालांकि, परेशानी तब शुरू हुई जब कंपनी ने प्लान में बदलाव किया.

साल 2012 तक परिसर में 14 के बजाय 15 मंजिला इमारत बनाए गए. वो भी नौ नहीं 11 मंजिला.

इस योजना के अलावा एक और योजना शुरू हो गई, जिसमें दो और इमारत बनने थे, जिन्हें 40 मंजिला बनाने की प्लानिंग थी. ऐसे में कंपनी और स्थानीय लोगों के बीच कानूनी लड़ाई शुरू हो गई.

सुपरटेक ने टावर वन के सामने ‘ग्रीन’ एरिया बनाने का वादा किया था.

दिसंबर 2006 तक अदालत में प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के अनुसार,

यह उस योजना में था जिसे पहली बार जून 2005 में संशोधित किया गया था.

एमराल्ड कोर्ट में रहने वालों ने इसे संज्ञान में लिया और मांग की कि सेयेन और एपेक्स को ध्वस्त कर दिया जाए

क्योंकि इसे अवैध रूप से बनाया जा रहा है.

निवासियों ने नोएडा प्राधिकरण से उनके निर्माण के लिए दी गई मंजूरी को रद्द करने के लिए कहा.

निवासियों ने तब इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील की,

जिस पर अदालत ने अप्रैल 2014 में टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया.

हालांकि, सुपरटेक ने फैसले के खिलाफ अपील की और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया.

Twin Tower Demolition:भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 2021 में, इस तथ्य का हवाला देते हुए नोएडा ट्विन टावर्स को ध्वस्त करने का आदेश दिया कि टावरों का निर्माण अवैध रूप से किया गया था.

इसके बाद सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट से अपने आदेश की समीक्षा करने की अपील की.

शीर्ष अदालत में मामले से संबंधित कई सुनवाई हुई.

सुनवाई में एमराल्ड कोर्ट के निवासियों की सुरक्षा के बारे में चिंताएं भी शामिल थीं.

हालांकि, कोर्ट ने अपना फैसला नहीं बदला.

अब आज इन दो इमारतों को गिराया जाएगा.

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