CM योगी और अखिलेश यादव में जमकर हुए सवाल-जवाब

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CM Yogi and Akhilesh Yadav

लखनऊ:CM Yogi and Akhilesh Yadav:उत्तर प्रदेश विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन हंगामे के साथ कार्यवाही शुरू हुई.

इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर सवाल-जवाब हुए.

नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल उठाए,

तो नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका जवाब दिया.

नेता प्रतिपक्ष नेता सदन के जवाब से असंतुष्ट रहे और सदन से वॉकआउट कर लिया.

CM Yogi and Akhilesh Yadav:अखिलेश यादव ने सदन में स्वास्थ्य मामलों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि अस्पतालों में एम्बुलेंस और ऑक्सीजन नहीं मिल रही है.

हमने अपनी सरकार में गरीबों के लिए एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई थी,

लेकिन आज स्थिति बदहाल है.दवाइयों का बड़े पैमाने का संकट है.

बहुत जगहों पर समय पर इलाज नहीं मिला,

स्ट्रेचर नहीं मिला, लाश कंधे और मोटरसाइकिल पर जा रही हैं.

क्या संदेश देना चाहती है सरकार?

नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इससे पहले कोरोना काल में पीएचसी,

सीएचसी और मेडिकल कालेजों ने हाथ खड़े कर दिए.

कंधे और मोटरसाइकिल पर लाश ले जाना क्यों पड़ा?

अखिलेश ने कहा, ”मैं नेता सदन से कहना चाहता हूं कि बताएं कि क्या बजट की कमी है,

अगर बजट की कमी है तो स्वीकार क्यों नहीं करते हैं, डिप्टी सीएम को बजट क्यों नहीं देते नेता सदन,

बजट इसलिए नहीं दे रहे हैं कि डिप्टी सीएम ने दो मंत्रियों को बेरोजगार कर दिया है.

नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि निजीकरण के जरिए सरकारी संस्थाओं को बंद करने की कोशिश की जा रही है.

सरकारी अस्पतालों में रेफर करने की व्यवस्था चलती है. अस्पताल से दूसरे अस्पताल में मरीज को रेफर किया जाता है.

गोरखपुर में बच्चों के लिए अस्पताल और एम्स के लिए जमीन समाजवादियों ने दी थी.

समाजवादी सरकार में जितने मेडिकल कॉलेज बन पाए थे, उससे आगे काम नहीं बढ़ा.

स्वास्थ्य सेवाएं भी धीरे-धीरे प्राइवेट की जा रहे हैं.

अखिलेश ने नेता सदन सीएम योगी से कहा कि दिल्ली वालों से पैसा लाइए, दिल्ली की सरकार यूपी से बनती है.

1 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के लिए दिल्ली के लोग मदद नहीं कर रहे हैं ,5 साल चले गए कितने एम्स बनाए ?

जो 2 एम्स चल रहे हैं उन्हें समाजवादियों ने बनवाने के लिए जमीन दी.

नेता सदन सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष जैसा बोल रहे थे, ऐसा लगा ‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे’.

इस प्रदेश में 4 बार समाजवादी सरकार रही है. आंकड़ों में दर्ज है एनीमिया, मातृ शिशु दर में वृद्धि हुई है.

गोरखपुर की बात बोल रहे थे तो बोलते-बोलते ऐसा बोल गए कि जनता जनार्दन ने उनके सपने को तार-तार कर दिया.

ये मौसम इंसेफलाइटिस की वजह से एक डर व्याप्त रहता था, 1200-1500 मौतें होती थी,

जनपदों की मौतें अलग होती थीं. ये डबल इंजन की सरकार का ही परिणाम है

कि आज इंसेफलाइटिस से मौतें जीरो स्तर पर पहुंच गई हैं.

समाजवादी पार्टी सरकार उन क्षेत्रों में एक बार भी संवेदना प्रकट करने नहीं पहुंची,

दुर्भाग्य से इनकी सरकार 4 बार रही, एक बार भी संवेदना नहीं पहुंची.

ये लोग केवल दूसरों को उपदेश देते हैं,

इनकी सरकारों में प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंदी के कगार पर थे, डॉक्टर्स की संख्या ही नहीं थी.

आज सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप एम्बुलेंस के रिस्पॉन्स टाइम में कमी आयी,

एक जिला एक मेडिकल कॉलेज, 59 जनपदों में मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं, या बन चुके हैं.

शेष 16 जनपदो में मेडिकल कॉलेज के निर्माण के प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं.

कोरोना में नेता प्रतिपक्ष पता नहीं कहां गायब हो गए, दिखाई ही नहीं पड़े.

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