नागपुर:Nitin Gadkari:केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अक्सर अपने बयानों के चलते चर्चा में रहते हैं. गडकरी कई बार अपनी सरकार की भी आलोचना कर चुके हैं.
एक बार फिर से नितिन गडकरी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
वायरल हो रहे वीडियो में नितिन गडकरी एक कार्यक्रम में बोलते हुए दिख रहे हैं कि हमारा देश धनवान है पर जनता गरीब है.
आज भूखमरी, गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी से ग्रस्त है.
Nitin Gadkari ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए देश में आर्थिक और सामाजिक के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि, वर्तमान में देश के भीतर समाजिक एवं आर्थिक समानता की जरूरत है.
समाज के गरीबों और अमीर लोगों के बीच फासला बढ़ा है.
भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और एक समृद्ध देश होने के बावजूद यहां के लोग गरीबी,
भुखमरी, बेरोजगारी, जातिवाद, अस्पृश्यता और महंगाई का सामना कर रहे हैं.
नितिन गडकरी ने कहा है “हमारा देश धनवान है पर जनता गरीब है। आज भूखमरी, गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक अस्पृस्यता, आर्थिक असमानता से ग्रस्त है”। सहमत। कृपया अब दो-तीन दिन बाद ऐसा क्लेरीफिकेशन जारी ना करना कि मैंने ऐसा नहीं बोला और मीडिया ने इसे तोड़ मरोड़ कर दिखाया है। #ModiFail pic.twitter.com/plE1B58PfM
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) October 2, 2022
गडकरी ने जोर देकर कहा कि, समाजिक समता और आर्थिक समता समाज में स्थापित हो.
हमारे समाज में अमीर और गरीब लोगों के बीच की खाई और गहरी हो गई है.
जैसे सामाजिक विषमता बढ़ी है, वैसे ही आर्थिक विषमता बढ़ी है.
हमारे देश में 124 जिले ऐसे हैं, जो सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े हुए हैं.
यहां स्कूल नहीं हैं, अस्पताल नहीं हैं.
किसानों के लिए फसल के सही दाम नहीं मिल रहे हैं. युवाओं को रोजगार नहीं हैं.
गडकरी ने कहा कि, इन जिलों में गांव जाने के लिए सही रास्ते नहीं हैं.जिसके चलते ये सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिणिक तौर पर पिछड़े हुए हैं.
हमें इस खाईं को पाटने की जरूरत है.
उन्होंने देश में 124 आकांक्षी जिलों को विकसित करने के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया.
ग्रामीण इलाकों में सुविधाओं और अवसरों की कमी के कारण एक बड़ी आबादी शहरों की ओर पलायन कर कर रही है.
गडकरी का बयान जब वायरल होने लगा
और इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं तो उन्होंने इस पर सफाई भी दी.
उन्होंने कहा- मुझे यह जानकर दुख हुआ है कि एक बार फिर हमारे समाज
और राष्ट्र के सामने की समस्याओं के बारे में मेरे बयान को संदर्भ से बाहर कर दिया गया है.
कुछ बेईमान तत्व इसका आनंद ले रहे हैं.