नई दिल्ली:Congress President Election:कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने गुरुवार को कहा कि कई प्रदेश इकाइयों में उनके प्रतिद्वंद्वी मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) का स्वागत किया जाता है
और बड़े-बड़े नेता उनसे मिलते हैं, लेकिन उनके (थरूर के) साथ ऐसा व्यवहार नहीं होता है.
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह कोई शिकायत नहीं कर रहे हैं, लेकिन व्यवस्था में कमियां हैं.
क्योंकि 22 साल से पार्टी में चुनाव नहीं हुआ है.
थरूर ने यह भी कहा कि केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का प्रयास किया है.
उन्होंने गुरुवार को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्यों) के साथ बैठक की और अपने लिए वोट मांगा.
इसमें पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अमृता धवन और कुछ अन्य डेलीगेट शामिल हुए.
Congress President Election:तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य 66 वर्षीय थरूर ने दोनों उम्मीदवारों के लिए समान अवसर नहीं होने संबंधी अपने पहले की एक टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं मिस्त्री साहब के खिलाफ कुछ नहीं बोलना चाहता था.
सिस्टम में कुछ कमियां हैं, क्योंकि 22 साल से चुनाव नहीं हुए हैं.’’
थरूर ने कहा, ‘‘हमें 30 सितंबर को पहली सूची (डेलीगेट की) दी गई
और फिर एक हफ्ते पहले एक सूची दी गई.
पहली सूची में फोन नंबर नहीं थे.
अगर ऐसा है तो फिर कैसे संपर्क करेंगे? बाद में फोन नंबर मिले.
दोनों सूची में कुछ अंतर थे. मेरी यह शिकायत नहीं है कि ये जानबूझकर कर रहे हैं.
समस्या यह है कि हमारी पार्टी में कई साल से चुनाव नहीं हुए हैं, इसलिए कुछ गलतियां हुई हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि मिस्त्री जी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए बैठे हैं.
मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है.’’
थरूर ने कहा, ‘‘कुछ नेताओं ने ऐसे काम किए हैं, जिसपर मैंने कहा कि समान अवसर नहीं है.
कई पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) में हमने देखा कि पीसीसी अध्यक्ष, विधायक दल के नेता और कई बड़े नेता खड़गे साहब का स्वागत करते हैं, उनके साथ बैठते हैं,
पीसीसी से (डेलीगेट को) निर्देश जाते हैं कि आ जाओ, खड़गे साहब आ रहे हैं.
यह सिर्फ एक ही उम्मीदवार के लिए हुआ.
मेरे साथ कभी नहीं हुआ. इस किस्म की कई चीजें कई पीसीसी में हुईं.’’
उनके अनुसार, वह कई पीसीसी गए, लेकिन पीसीसी अध्यक्ष उपलब्ध नहीं होते हैं.
Congress President Election:थरूर ने कहा, ‘‘मैं कोई शिकायत नहीं कर रहा हूं. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मुझे ज्यादा फर्क पड़ेगा.
अगर आप पूछते हैं कि समान अवसर मिल रहा है तो क्या आपको लगता है कि इस तरह के व्यवहार में कुछ फर्क नहीं है?’’
उन्होंने यह भी कहा कि गांधी परिवार और पार्टी के शीर्ष स्तर से पहले ही तटस्थता की बात कर दी गई है
और इस चुनाव में सबको अपनी मर्जी से वोट करना चाहिए, क्योंकि यह गुप्त मतदान है.
अगर बड़े नेता दो उम्मीदवारों के बीच ऐसे फर्क करेंगे तो इसे सही कैसे माना जा सकता है?
जैसा कि राहुल गांधी कहते हैं कि डरो मत, मैं भी पार्टी कार्यकर्ताओं को यही समझाता हूं कि वे भी किसी से न डरे और वोट करें.
कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 30 सितंबर को को 3 नामांकन हुए.
पहला नामांकन शशि थरूर, दूसरा नामांकन झारखंड के कांग्रेस लीडर केएन त्रिपाठी और तीसरा नॉमिनेशन मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया.
इसके साथ ही तय हो गया है कि अगला अध्यक्ष गैर-गांधी ही होगा.
थरूर और त्रिपाठी के प्रस्तावकों में इक्का-दुक्का लीडर्स थे,
लेकिन गांधी फैमिली की चॉइस बताए जा रहे मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावकों की लिस्ट में 30 बड़े नेताओं के नाम थे.
खड़गे के साथ नेताओं के हुजूम की तस्वीर यह साफ कर रही है कि नॉमिनेशन ही नतीजे हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को मतदान होना है और 19 अक्टूबर को मतगणना की जाएगी.
मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में उम्मीदवार हैं.