गाजियाबाद: Pitbull, रॉटवीलर और डोगो अर्जेंटीनो जैसी खूंखार प्रजातियों के कुत्तों को पालने पर गाजियाबाद नगर निगम ने पाबंदी लगा दी है.
नगर निगम ने शनिवार को पालतू कुत्तों के संबंध में कई दिशा-निर्देश जारी किए,
जिनमें आगामी एक नवंबर से पालतू कुत्तों के लिए लाइसेंस की व्यवस्था लागू करने का फैसला भी शामिल है.
Pitbull:भाजपा नेता और नगर निगम पार्षद संजय सिंह ने रविवार को पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘पिटबुल, रॉटवीलर और डोगो अर्जेंटीनो जैसी खूंखार प्रजातियों के कुत्तों को पालने की इजाजत अब नहीं दी जाएगी.
इनके लिए कोई लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा.
अगर कोई इन प्रजातियों के कुत्तों को खरीदता है तो वह खुद इसके लिए जिम्मेदार होगा.
गाजियाबाद में कुत्तों की इन तीनों प्रजातियों पर पाबंदी लगा दी गई है.”
सिंह ने बताया कि उन्होंने पिटबुल, रॉटवीलर और डोगो अर्जेंटीनो प्रजातियों के कुत्तों को पालने पर
पाबंदी लगाने का प्रस्ताव पेश किया था
जिसे नगर निगम के सदन ने पारित कर दिया है.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिन लोगों के पास इन प्रजातियों के कुत्ते हैं
उन्हें दो महीने के अंदर उनकी नसबंदी करानी होगी.
महापौर आशा शर्मा ने बताया कि शनिवार को हुई नगर निगम की बोर्ड बैठक में कुत्तों की नसबंदी को अनिवार्य घोषित कर दिया गया है.
उन्होंने बताया कि बिना नसबंदी कराए प्रमाण पत्र के लिए पंजीकरण नहीं किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि अगर कुत्ते की उम्र छह महीने है तो
उनके मालिक को शपथ पत्र पर यह आश्वासन देना होगा कि जब कुत्ते की उम्र एक साल हो जाएगी तो वह उसकी नसबंदी कराएगा.
Pitbull:इससे पहले कानपुर नगर निगम और पंचकूला नगर निगम ने भी पिटबुल और रॉटवीलर प्रजातियों के कुत्तों को पालने पर प्रतिबंध लगाया था.
महापौर ने बताया कि आगामी एक नवंबर से शहर में कुत्ता पालने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा
और कुत्ता मालिकों को दो महीने के अंदर पंजीयन कराना होगा.
उन्होंने बताया कि अब एक परिवार सिर्फ एक ही कुत्ता रख सकेगा
और कुत्ते को सार्वजनिक स्थानों पर ले जाने से पहले उसे मुखौटा लगाना अनिवार्य होगा
ताकि वह किसी को काट ना सके.
इसके अलावा, बहुमंजिला इमारतों से कुत्ते को बाहर ले जाने के लिए सिर्फ सर्विस लिफ्ट का ही इस्तेमाल करना होगा.
इन निर्देशों का उल्लंघन करने पर दोषियों पर जुर्माना लगाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि हाल के महीनों में शहर में कुत्तों द्वारा लोगों को काटे जाने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर
यह फैसला किया गया है.