लखनऊ:IPS officer disguise:पुलिस की तत्परता जांचने के लिए उत्तर प्रदेश की एक वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी ने अनूठा तरीका अपनाया. भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की अधिकारी चारु निगम औरैया में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं.
IPS officer disguise:चारु निगम ने अपनी पहचान छिपाते हुए पुलिस कंट्रोल रूम और 112 डायल पर कॉल कर हथियारबंद लूट की फर्ज़ी सूचना पुलिस को दी.
गुरुवार को उन्होंने एक कुर्ता पहना और दुपट्टे से मुंह को ढककर धूप का चश्मा पहन लिया,
ताकि उन्हीं के अधीनस्थ कर्मी-अधिकारी उन्हें पहचान न लें.
इसके बाद उन्होंने एमरजेंसी सेवा के नंबर 112 पर कॉल कर खुद को सशस्त्र लूट का शिकार बताया.
उन्होंने कहा, “मैं सरिता चौहान बोल रही हूं, और मुझे दो हथियारबंद लोगों ने लूट लिया है…जल्दी पहुंचे. लुटेरे औरैया की ओर भागे हैं.”
माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर औरैया पुलिस द्वारा जारी किए गए वीडियो
और तस्वीरों में IPS चारु निगम को सुनसान-सी सड़क पर फोन पर बात करते देखा जा सकता है.
उनकी कॉल के जवाब में तीन पुलिसकर्मी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे.
पुलिस अधिकारियों ने महिला की शिकायत सुनी और पूछताछ की,
और वे यह नहीं जानते थे कि उन्हीं की अधिकारी उनके कामकाज पर निगरानी रखने के लिए यह सब कर रही हैं.
एक घंटे तक इलाके के वाहनों के खंगालने के बाद टीम को एहसास हुआ कि शिकायत करने वाली ‘घबराई और डरी’ हुई महिला,
उन्हीं की वरिष्ठ अधिकारी है.
जनपदीय पुलिस के रिस्पांस टाइम व सतर्कता को चेक करने हेतु पुलिस अधीक्षक औरैया @ipsCharuNigam ने स्वयं की पहचान छुपाते हुए सुनसान रोड पर तमंचे के बल पर बाइक सवार अज्ञात व्यक्तियों द्वारा झूठी लूट की सूचना कंट्रोल रूम व डायल112 पर दी गयी जिसमे जनपदीय पुलिस की कार्यवाही संतोषजनक रही। pic.twitter.com/I4n3yJoUHP
— Auraiya Police (@auraiyapolice) November 3, 2022
पुलिस द्वारा किए गए ट्वीट के मुताबिक, IPS चारु निगम स्थानीय पुलिस का ‘रेस्पॉन्स टाइम’ जांचना चाहती थीं,
जो उन्हें ‘संतोषजनक’ लगा.
IPS officer disguise:एक मोटसाइकिल पर पीछे बैठकर सड़क के सुनसान हिस्से को ढूंढती IPS अधिकारी का एक वीडियो व्यापक तौर पर शेयर किया जा रहा है,
जिसमें वह संभवतः ‘परीक्षा’ लेने के लिए उपयुक्त स्थान की तलाश कर रही हैं.
वायरल क्लिप देखने के बाद जब तमाम सोशल मीडिया यूजर्स महिला आईपीएस अधिकारी और यूपी पुलिस की सराहना की,
वहीं कुछ यूजर्स ने कहा कि हमारे यहां तो इसे एक्टिंग कहते हैं.
एक यूजर ने लिखा कि 50 रुपये काटो ओवर एक्टिंग का.
दूसरे ने लिखा कि वैसे इसकी जरूरत नहीं थी,
अगर कार्यशैली जांच करनी थी तो आप अपने ऑफिस से अंदाजा लगाए कितने प्रार्थना पत्र पुलिस के विरुद्ध आते है
कम से कम सौ रोज आते होगे आखिर ये सोचिए की इनको एसपी ऑफिस क्यों आना पड़ा.