India China Clash : अरुणाचल प्रदेश से सटी एलएसी पर चीन से चल रहे विवाद
और उत्तर-पूर्व के राज्यों में वायु सेना की एक्सरसाइज असम के तेजपुर एयरबेस पर.
अरुणाचल प्रदेश से सटी लाइन ऑफ कंट्रोल (LAC) पर अगर चीन की तरफ से एयर स्पेस का उल्लंघन होता है तो इसी तेजपुर एयर बेस से सुखोई लड़ाकू विमानों को स्क्रैम्बल किया जाता है.
एबीपी न्यूज़ की टीम गुरुवार (15 दिसंबर) की शाम तेजपुर एयरबेस पहुंची तो वहां हेलीकॉप्टर फ्लाइंग की ड्रिल चल रही थी.
एक के बाद एक चिनूक और दूसरे हेलीकॉप्टर तेजपुर के आसमान में नाइट फ्लाइंग ऑपरेशन का अभ्यास कर रहे थे.
जानकारी मिली कि दिन के वक्त सुखोई फाइटर जेट ने ड्रिल में हिस्सा लिया था.
India China Clash : तेजपुर एकमात्र बेस जहां लड़ाकू विमान तैनात
असम और अरुणाचल प्रदेश में भारतीय वायुसेना का तेजपुर एक मात्र ऐसा बेस है, जहां लड़ाकू विमान तैनात हैं.
इसके अलावा यहां हेलीकॉप्टर भी तैनात रहते हैं.
साल 2017 में हुए डोकलाम विवाद के बाद जब चीन का J-20 फाइटर जेट अरुणाचल प्रदेश से सटे LAC के बेहद करीब आया था तो सुखोई ने उसे ‘डिटेक्ट’ कर लिया था.
दो दिवसीय युद्धाभ्यास कर रही है
तवांग में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प के बीच भारतीय वायुसेना की पूर्वी कमान (15-16 दिसम्बर) दो दिवसीय युद्धाभ्यास कर रही है.
ये एक्सरसाइज असम और अरुणाचल प्रदेश सहित उत्तर-पूर्व के सभी राज्यों की एयर-स्पेस में की जा रही है.
इसको लेकर वायुसेना ने नोटम (NOTAM) भी जारी कर रखा है. नोटिस टू एयरमैन (NOTAM) के मुताबिक,
ये युद्धाभ्यास गुरुवार (15 दिसंबर) दोपहर 1.30 बजे से शुक्रवार (16 दिसंबर) शाम 5.30 तक चलेगा.
हालिया घटनाओं से कोई लेना देना नहीं है
वायुसेना ने गुरुवार (15 दिसंबर) को एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा कि ये युद्धाभ्यास तवांग
की घटना से पहले ही तय हो चुका था. इसका हालिया घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं है.
वायुसेना के मुताबिक, इसका उद्देश्य वायुसैनिकों की ट्रेनिंग है.
भारतीय वायुसेना के पास इस वक्त अगर कोई सबसे ज्यादा फाइटर जेट हैं तो ये सुखोई ही हैं.
वायुसेना के पास 250 से भी ज्यादा सुखोई विमान हैं.
हाल ही में इन्हें और घातक बनाने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल से भी लैस किया गया है.
रूस के साथ एक विशेष करार के तहत इन सुखोई लड़ाकू विमानों का निर्माण भारत में ही होता है, जिन्हें SU-30 MKI कहा जाता है.