Joshimath : उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन के घंसने और कई घरों-इमारतों में दरारें पड़ने के बीच राज्य सरकार स्थिति पर नजर जमाए हुए है.
Joshimath में भूमि धंसने को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बैठक हुई
जोशीमठ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गढ़वाल आयुक्त और जिलाधिकारी भी बैठक से जुड़े.
मुख्यमंत्री, जोशीमठ क्षेत्र का अधिकारियों से लगातार अपडेट ले रहे हैं.
सीएम धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में जोशीमठ में हो रहे भू-धसाव से संबंधित बैठक में आयुक्त गढ़वाल मण्डल,
सचिव आपदा प्रबंधन एवं जिलाधिकारी चमोली से हालात पर ग्राउंड रिपोर्ट लेकर अतिशीघ्र सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाने व डेंजर जोन को तत्काल खाली करवाने के निर्देश दिए हैं.
इसके साथ ही सेक्टर और जोनल वॉर योजना बनाने एवं अविलंब आपदा कंट्रोल रूम एक्टिवेट करने के लिए निर्देश भी जारी किए गए हैं.
सीएम की ओर से कहा गया है कि उत्तराखंड सरकार पूरी गहनता के साथ इस समस्या के समाधान की दिशा में कार्य कर रही है.
नागरिकों की सुरक्षा व क्षेत्र में हो रही समस्या का समाधान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
वहीं, मुख्यमंत्री शनिवार को जोशीमठ ग्राउंड जीरो पर जाकर हालात का जायजा लेंगे.
बता दें, उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने के कारण सैकड़ों की संख्या में घरों में दरारें आ गई हैं.
Joshimath से घरों में दरारें आने के बाद अब तक कुल 66 परिवार जोशीमठ से पलायन कर चुके हैं.
सीएम धामी ने कहा कि स्थाई पुनर्वास के लिए पीपलकोटी और गौचर सहित अन्य स्थानों पर सुरक्षित जगह तलाशी जाए.
कम प्रभावित क्षेत्रों में भी तत्काल ड्रेनेज प्लान तैयार कर काम शुरू हो.
मानसून से पहले जोशीमठ में सीवरेज ड्रेनेज आदि के कार्य पूर्ण कर लिए जाएं.
मुख्यमंत्री धामी के निर्देश के बाद डीएम चमोली ने प्रभावितों को किराए पर रहने के लिए भी पैसे देने का एलान किया है.
सरकार प्रभावितों को छह महीने तक प्रतिमाह चार हजार रुपये किराया देगी.
यह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी.