नई दिल्ली:Sharad Yadav Passes Away:जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का गुरुवार को निधन हो गया. उनकी बेटी शुभाषिनी यादव ने इस दुखद खबर की जानकारी दी है,उन्होंने 75 साल की उम्र में आखिरी सांस ली.
वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे.
शुभाषिनी यादव ने ट्वीट करते लिखा कि ‘पापा नहीं रहे।’
Sharad Yadav Passes Away:शरद यादव चार बार बिहार के मधेपुरा सीट से सांसद रहे हैं.वे जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष के साथ केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं.
पूर्व मंत्री की तबीयत बिगड़ती जा रही थी और उन्हें गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
उनका निधन गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में हुआ है.
उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है.
फोर्टिस अस्पताल ने बयान जारी कर कहा कि शरद पवार को गंभीर और अचेत अवस्था में इमरजेंसी वार्ड में लाया गया था.
शुरुआती जांच में वह किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं कर रहे थे.
इलाज के दौरान ही उन्होंने 10:19 बजे दम तोड़ दिया.
फोर्टिस अस्पताल ने शोक में डूबे परिवार के साथ दुख जताया है.
Pained by the passing away of Shri Sharad Yadav Ji. In his long years in public life, he distinguished himself as MP and Minister. He was greatly inspired by Dr. Lohia’s ideals. I will always cherish our interactions. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2023
प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘शरद यादव जी के निधन से बहुत दुख हुआ.
अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया.
वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे.
मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूंगा. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. ओम शांति.’
बता दें कि बिहार पॉलिटिक्स में अलग पहचान रखने वाले शरद यादव का का जन्म 1 जुलाई 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के बंदाई गांव में हुआ था.
छात्र राजनीति से लेकर बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई थी.शरद यादव ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में अपना परचम लहराया था.
जेडीयू से अलग होने के बाद उन्होंने अलग पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल बनाई थी.
प्रदर्शन अच्छा नहीं रहने पर उन्होंने 20 मार्च 2022 को राष्ट्रीय जनता दल में विलय करा लिया था.
उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव आरजेडी के टिकट पर लड़ा था.
उनकी बेटी शुभाषिनी यादव ने 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था.
शरद यादव के निधन पर पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने दुख जताया है.
उनकी गिनती देश के समाजवादी नेताओं के तौर पर होती थी.
शरद यादव की देश के सभी राजनेताओं से बेहतर संबंध थे.
वे नीतीश कुमार और लालू यादव के बेहद करीबी थे.