Ganga Vilas Cruise : गंगा नदी में वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हुआ ‘गंगा विलास क्रूज’ सोमवार,
16 जनवरी की दोपहर बिहार के छपरा (Chhapra) में फंस गया था.
क्रूज-ऑपरेटर्स को उसे वहां से निकालने की काफी मशक्कत करनी पड़ी.
क्रूज के फंसने का पता चलते ही SDRF की टीमें बुलवाई गईं. जिसके बाद पीपा पुल को खोलने पर क्रूज आगे बढ़ा.
Ganga Vilas Cruise : छपरा में फंस गया था गंगा विलास क्रूज
बताया जा रहा है कि क्रूज जब छपरा के डोरीगंज इलाके में पहुंचा,
तो वहां नदी में पानी कम होने की वजह से उसे किनारे लाना मुश्किल हो गया था.
क्रूज पर सवार सैलानियों को काफी देर तक रुकना पड़ा.
SDRF की टीम छोटी नाव के जरिए सैलानियों को चिरांद लाने की कोशिश कर रही थी.
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि नदी में पानी कम होने की वजह से क्रूज को किनारे लाना मुश्किल हो गया था.
दुनिया की सबसे लंबी रिवर क्रूज यात्रा
गंगा विलास क्रूज को 3-4 दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से लॉन्च किया था.
लॉन्चिंग के वक्त कहा गया था कि गंगा विलास क्रूज नदी के रास्ते 3200 किलोमीटर का सफर करेगा.
इसलिए यह क्रूज वाराणसी से रवाना हुआ और अगले दिन बिहार की सीमा में प्रवेश किया.
बिहार के बक्सर, जो कि विश्वामित्र की नगरी मानी जाती है, वहां से होते हुए यह क्रूज पूर्व की ओर बढ़ रहा था.
हालांकि, सोमवार, 16 जनवरी को जब क्रूज छपरा के डोरीगंज इलाके में पहुंचा, तो वहां फंस गया.
जिसके बाद प्रशासन तुरंत अलर्ट हुआ और SDRF की टीम बुलवाई गई.
फिर दानापुर के दियारा की लाइफलाइन कहे जाने वाले पीपा पुल को खोलकर क्रूज को आगे बढ़ाया गया.
इस तरह क्रूज अपने सफर पर फिर रवाना हो चुका है.
स्विटजरलैंड के 31 सैलानी हैं सवार
इस क्रूज में स्विटजरलैंड के कुल 31 सैलानी सवार हैं. खास बात यह है कि इसमें बुकिंग कराने वाले ज्यादातर लोग विदेशी ही हैं.