नई दिल्ली:Mocha Cyclone:चक्रवाती तूफान ‘मोका’ ने बांग्लादेश और म्यांमार के तटीय इलाकों से टकरा गया है. इससे पहले यह बेहद तीव्र होकर श्रेणी पांच के तूफान जैसा हो गया.
चक्रवात के कारण भारी बारिश हो रही है
और 195 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं.
Mocha Cyclone:‘मोका’ के कारण बंगाल की खाड़ी के आसपास के इलाकों में खतरनाक बाढ़ का भी अंदेशा जताया जा रहा है.
इसकी गंभीरता को देखते हुए पश्चिम बंगाल के पूर्वमेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिलों के
तटीय इलाकों में आपदा मोचन बल के कर्मियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
आशंका जताई जा रही है कि तूफान बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी सीमावर्ती कॉक्स बाजार जिले को प्रभावित कर सकता है.
इस इलाके में दस लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं.
मौसम विभाग की ओर से जारी ताज़ा बुलेटिन के मुताबिक,
चक्रवात कॉक्स बाजार से 250 किलोमीटर दूर है और अब तट को पार कर रहा है.
बुलेटिन के अनुसार पूर्वानुमान था कि यह रविवार दोपहर को भारी बारिश और हवाओं के साथ दस्तक देगा.
हवा के कारण सामान्य से आठ से 12 फुट ऊपर की लहरे उठने से
कॉक्स बाजार और चटगांव के निचले इलाकों में पानी भर सकता है.
‘बीडीन्यूज़24.कॉम’ की खबर के मुताबिक सामान्य से पांच से सात फुट ऊंची लहरें उठने से फेनी,
नोआखली, लक्ष्मपुर, चांदपुर और भोला के निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है.
Mocha Cyclone:मौसम विज्ञानियों का कहना है कि ‘मोका’ लगभग दो दशकों में बांग्लादेश में आए सबसे शक्तिशाली चक्रवातों में से एक है.
श्रेणी चार का चक्रवात श्रेणी-पांच तूफान के बराबर तीव्र हो गया है.
इसकी तीव्रता को देखते हुए करीब 5 लाख लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है.
तूफान से निपटने की तैयारी के तौर पर बांग्लादेश ने प्रभावित क्षेत्र के पास के हवाई अड्डों को बंद कर दिया,
मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है.
अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और सहायता कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर
कई टन सूखे खाद्य पदार्थ की व्यवस्था की है
और रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में दर्जनों एंबुलेंस और मोबाइल मेडिकल दलों को तैयार रखा है.
लोगों और अधिकारियों को आशंका है कि ‘मोका’ की वजह से ऊंची लहरें उठ सकती हैं जिससे बाढ़ आ सकती है और भूस्खलन हो सकता है.
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी, विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने चेतावनी दी है कि चक्रवात बांग्लादेश और म्यांमार के तटों के आसपास भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन का कारण बनेगा.
हालांकि, बांग्लादेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक मोहम्मद अज़ीज-उर-रहमान ने कहा कि बांग्लादेश के लिए खतरा कम हो गया है.
उन्होंने कहा कि म्यांमार और उसके दक्षिणी क्षेत्र के लिए खतरा ज्यादा हो सकता है.
‘मोका’ चक्रवात के गंभीर रूप धारण करने के बाद पश्चिम बंगाल के पूर्वमेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिलों के तटीय इलाकों में आपदा मोचन बल के कर्मियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
एक अधिकारी ने कहा कि समुद्र में तेज लहरें उठ रही हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन समूह के 100 से अधिक कर्मियों को दक्षिण 24 परगना जिले के बक्खली समुद्र तट पर तैनात किया गया है.
स्थानीय लोगों को समुद्र के पास जाने से मना किया जा रहा है.
एक अन्य अधिकारी ने बताया, ‘हालांकि,
मौसम कार्यालय ने अनुमान जताया है कि चक्रवात मोखा पश्चिम बंगाल से नहीं टकराएगा,
लेकिन हमने कोई बदलाव होने की स्थिति में सभी एहतियाती कदम उठाए हैं.
हमने दक्षिण 24 परगना के पूर्व मेदिनीपुर के निचले तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को हमारे सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है.
इन क्षेत्रों में पर्याप्त राहत सामग्री भेजी गई है.”
मछुआरों को शुक्रवार से लेकर तीन दिन तक समुद्र में नहीं जाने के लिए कहा जा चुका है.