नई दिल्ली: Wrestlers Protest Row: दिल्ली में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को हिरासत में ले लिया गया था. हालांकि इनमें से महिला पहलवानों को रिहा कर दिया गया.
उनमें से महिला पहलवानों साक्षी मलिक, संगीता फोगाट और विनेश फोगाट को छोड़ दिया गया है
जबकि बजरंग पुनिया अब भी पुलिस हिरासत में ही हैं.
सभी पहलवानों को पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर रखा था.
Wrestlers Protest Row:PM मोदी आज नई संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं तो दूसरी ओर जंतर-मंतर पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारी पहलवान नई संसद की ओर बढ़े रहे थे.
लेकिन उन्हें कुछ ही देर बाद दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
वहीं, अब दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के खिलाफ दंगा करने,
गैरकानूनी जमावड़ा करने, ड्यूटी के दौरान पुलिस के काम में बाधा डालने के आरोप में केस दर्ज किया है
जिसके बाद प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की मुश्किलें बढ़ सकती है.
जानकारी के अनुसार जंतर-मंतर पर कुछ पहलवान वापस पहुंचे थे.
लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी और वापस भेज दिया.
दिल्ली पुलिस मे पहलवानों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 149, 186, 188, 332, 353 के तहत केस दर्ज किया है.
पीडीपीपी अधिनियम की धारा 3 में भी FIR दर्ज किया गया है.
दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर को पूरी तरह से खाली करा लिया है.
जंतर-मंतर से पहलवानों के अलावा सभी प्रदर्शनकारियों को हटाया गया.
पहलवानों के टेंट और अन्य सामान को भी हटाकर जंतर मंतर को साफ किया गया.
एथलीट यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
Wrestlers Protest Row: WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विरोध में पहलवानों द्वारा आज दिल्ली में ‘महिला सम्मान महापंचायत’ का आह्वान किया गया था.
जिसको लेकर दिल्ली में कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी ने कहा कि पहलवानों को हमने पहले कहा था कि आज कोई राष्ट्रविरोधी काम न करें,
लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं मानी.
हमने सभी को डिटेन कर लिया है और जंतर मंतर खाली करा दिया है.
इस पूरे मामले को लेकर राजनीतिक सरगर्मी भी देखने को मिली.
किसान नेता का कहना था कि जब तक पहलवानों को रिहा नहीं किया जाएगा, ये प्रदर्शन जारी रहेगा.
वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने पहलवानों को हिरासत में लेने को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस पर जमकर हमला किया.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “नई संसद के उद्घाटन का हक राष्ट्रपति जी से छीना, सड़कों पर महिला खिलाड़ियों को तानाशाही बल से पीटा!
बीजेपी-आरएसएस के सत्ताधीशों के 3 झूठ अब देश के सामने बे-पर्दा हैं.
पहला- लोकतंत्र, दूसरा- राष्ट्रवाद, तीसरा- बेटी बचाओ.
याद रहे मोदी जी, लोकतंत्र केवल इमारतों से नहीं, जनता की आवाज से चलता है.”
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पहलवानों का समर्थन करते हुए
संसद के नए भवन के उद्घाटन को लेकर केंद्र पर हमला करते हुए कहा,
“नए संसद भवन की क्या जरूरत है अगर वह विरोध कर रहे पहलवानों को न्याय नहीं दे सकता है.”
राहुल गांधी ने कहा, “राज्याभिषेक पूरा हुआ- ‘अहंकारी राजा’ सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज़.”
वहीं, प्रियंका गांधी ने कहा, “खिलाड़ियों की छाती पर लगे मेडल हमारे देश की शान होते हैं.
उन मेडलों से, खिलाड़ियों की मेहनत से देश का मान बढ़ता है.
बीजेपी सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि सरकार हमारी महिला खिलाड़ियों की आवाजों को निर्ममता के साथ बूटों तले रौंद रही है.”
सीएम ममता ने ट्वीटर पर लिखा, “जिस तरह से दिल्ली पुलिस ने साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और अन्य पहलवानों के साथ मारपीट की, उसकी कड़ी निंदा करती हूं.
यह शर्मनाक है कि हमारे चैंपियंस के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है.
लोकतंत्र सहिष्णुता में है लेकिन निरंकुश ताकतें असहिष्णुता और विरोध को दबाने पर पनपती हैं.
मैं मांग करती हूं कि पुलिस हिरासत से पहलवानों को तुरंत रिहा किया जाए. मैं पहलवानों के साथ खड़ी हूं.”