US Vice President Kamala Harris ने कहा कि भारत के इतिहास और शिक्षा ने दुनिया को प्रभावित और आकार दिया है. साथ ही भारत ने अपने दर्शन के माध्यम से लाखों लोगों को प्रेरित किया है.
उन्होंने यह भी कहा कि भारत उनके जीवन का “बहुत महत्वपूर्ण” हिस्सा है
और वह इस देश से गहराई से जुड़ी हुई हैं.
US Vice President Kamala Harris ने शुक्रवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में उनके और राज्य सचिव एंटनी ब्लिंकन द्वारा आयोजित दोपहर के भोजन में अपने संबोधन में कहा, “भारत और भारत के इतिहास और इस देश की शिक्षा ने न केवल मुझे प्रभावित किया है,
बल्कि उन्होंने निश्चित रूप से पूरे विश्व को आकार दिया है.”
इस दौरान उन्होंने कहा, “पूरे इतिहास में, भारत ने दुनियाभर के लाखों लोगों को प्रेरित किया है,
चाहे वह दर्शन और धर्मशास्त्र के माध्यम से हो,
सविनय अवज्ञा की शक्ति से या फिर लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता के जरिये.”
हैरिस ने अपनी टिप्पणी के दौरान, अपने बचपन की भारत की यात्रा को याद करते हुए कहा,
“जब मैं और मेरी बहन माया बड़े हो रहे थे,
तब हमारी मां हमें लगभग हर दूसरे साल भारत ले जाती थीं.
US Vice President Kamala Harris ने कहा उन यात्राओं के कई मकसद थे, जिनमें यह भी शामिल था कि हम अच्छी तरह से समझ सकें कि वह कहां से आई थीं, वहां कहां पैदा हुई थीं.
ताकि हम अपने नाना-नानी, अपने मामा और अपनी चिट्टियों (मौसियों) के साथ समय बिता सकें;
ताकि हम इडली के साथ परोसे जाने वाले प्यार को समझ सकें.”
कमला हैरिस ने कहा,
“हम अपने नाना-नानी से मिलने के लिए अक्सर मद्रास (अब चेन्नई) जाते थे
और मैं आपको बताना चाहूंगी कि मेरे नाना वास्तव में मेरे सबसे पसंदीदा लोगों में से एक थे.
जब मैं छोटी थी, तब हम एक-दूसरे को खूब पत्र लिखा करते थे.”
अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनके नाना का उन पर गहरा प्रभाव था.
US Vice President Kamala Harris ने कहा, “मैं उनकी सबसे बड़ी नातिन थी और मुझे यकीन है कि आपमें से कई लोगों को पता होगा कि सबसे बड़ा होने की क्या अहमियत होती है.
इसलिए, मैं परिवार में अपने इस ओहदे का भरपूर फायदा उठाया करती थी
और मेरे नाना मुझे और लगभग मेरे सभी भाई-बहनों को भरोसा दिलाने में सफल रहे थे कि हम उनके सबसे पसंदीदा हैं.
बावजूद इसके, मैं परिवार की अकेली ऐसी बच्ची थी,
जिसे मेरे नाना सुबह सैर पर अपने साथ ले जाते थे.”
हैरिस ने कहा, “सुबह की सैर पर जब मैं नाना को अपने सेवानिवृत्त दोस्तों के साथ विभिन्न मुद्दों पर बात करते सुनती थी, तो मुझे ज्यादा मजा नहीं आता था.
लेकिन, मैं भारत के स्वतंत्रता सेनानियों एवं संस्थापक नायकों
और देश की आजादी से जुड़े किस्से-कहानियों को स्पष्ट रूप से समझती थी
और ये कहानियां मुझे आज भी याद हैं.
मुझे याद है कि वे किसी की आस्था या जाति की परवाह किए बिना भ्रष्टाचार से लड़ने और समानता के लिए लड़ने के महत्व के बारे में बात करते थे.”
हैरिस ने कहा कि छोटी उम्र में नाना के साथ सैर के दौरान हुए संवादों ने उनकी सोच को प्रभावित किया.
उन्होंने कहा, “मुझे याद है कि सैर के दौरान मेरे नाना ने मुझे न सिर्फ यह बताया कि लोकतंत्र क्या है,
बल्कि यह भी समझाया कि लोकतंत्र को बनाए रखने के क्या मायने हैं.
मेरा मानना है कि ये कम उम्र में मिली वे शिक्षाएं हैं,
जिन्होंने सार्वजनिक सेवा को लेकर मुझमें सबसे पहले दिलचस्पी जगाई.
मैं अब पीछे मुड़कर देखती हूं,
तो मुझे पूरी तरह से एहसास होता है कि इन संवादों ने मुझ पर और मेरी सोच पर कितना प्रभाव डाला.
”कमला ने भारत की 21वीं सदी में वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने में मदद करने के लिए
उसे शानदार नेतृत्व प्रदान करने के वास्ते मोदी का आभार जताया.
लंच के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 1958 में उपराष्ट्रपति हैरिस की मां डॉ. श्यामला गोपालन भारत से अमेरिका आई थीं.
उस वक्त लोगों के पास फोन नहीं होते थे,
इसलिए उपराष्ट्रपति की माता जी अपने हाथों से खत लिखकर भारत में परिजनों को भेजा करती थीं.
पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने कभी भी भारत से अपने रिश्तों को लेशमात्र भी टूटने नहीं दिया.
उस वक्त जो भी साधन उपलब्ध रहे,
उसी के माध्यम से आपकी माता जी ने भारत और अपने रिश्तों को जोड़ने का प्रयास किया.
हजारों मील दूर होकर भी भारत हमेशा उनके करीब था.
पीएम ने आगे कहा कि मैडम वाइस प्रेसिडेंट,
आपने अपनी माता जी की उस प्रेरणा को आज बुलंदियों तक पहुंचा दिया है.