नई दिल्ली: Rahul Gandhi in Manipur: कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूर्वोत्तर के हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर आज इंफाल पहुंचे.
Rahul Gandhi in Manipur: राहुल गांधी चुराचांदपुर जिले के लिए रवाना हुए, जहां वह जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों से मिलने के लिए राहत शिविरों का दौरा करेंगे.
लेकिन चुड़ाचांदपुर के रास्ते में राहुल गांधी का काफिला रोक दिया गया है.
मणिपुर में इस साल मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में
करीब 50,000 लोग रह रहे हैं.
राहुल का काफिला बिष्णुपुर जिले में रोका गया है.
वह इंफाल से करीब 20 किमी ही आगे बढ़ पाए हैं.
स्थानीय पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से राहुल गांधी को आगे जाने रोका है.
बता दें कि हिंसाग्रस्त मणिपुर के कंगपोकपी जिले के हरओठेल गांव में बृहस्पतिवार को
सुबह कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने ‘बिना किसी उकसावे’ के गोलीबारी की है.
कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी की शुक्रवार को इंफाल में राहत शिविरों का दौरा करने और बाद में कुछ नागरिक संगठनों के सदस्यों से बातचीत करने की भी योजना है.
मणिपुर में तीन मई को शुरू हुई हिंसा के बाद,
यह कांग्रेस नेता का पूर्वोत्तर के इस राज्य का पहला दौरा है.
बता दें कि पूर्वोत्तर का राज्य मणिपुर 58 दिन दिन से हिंसा की आग में जल रहा है.
यहां हिंसा में 120 लोग जान गंवा चुके हैं. बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं.
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मणिपुर का दौरा किया था
और राहत कैंपों में जाकर पीड़ितों की बात सुनी थी.
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में
तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं.
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है.
वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है.
बता दें एक हफ्ते पहले गृह मंत्री ने दिल्ली में मणिपुर की स्थिति को लेकर 18 पार्टियों के साथ सर्वदलीय बैठक की थी.
इस बैठक में सपा और आरजेडी ने मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की थी.
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की थी.
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