कर्नाटक HC ने की Twitter की याचिका खारिज,50 लाख का जुर्माना भी लगाया

0
115
HC dismisses Twitter's plea

HC dismisses Twitter’s plea: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ट्विटर इंक द्वारा दायर उस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया, जिसमें कंपनी ने सामग्री हटाने और ब्लॉक करने संबंधी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेश को चुनौती दी थी.

कोर्ट ने कहा कि ट्विटर को नोटिस दिए गए थे, लेकिन उनका पालन भी नहीं किया.

आदेश न मानने पर 7 साल की सजा और फाइन लगाया जा सकता है.

यह जानते हुए भी आदेशों का पालन नहीं किया गया.

HC dismisses Twitter’s plea:आदेश न मानने के चलते ट्विटर पर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है.

साथ ही अदालत ने कहा कि कंपनी की याचिका का कोई आधार नहीं है.

कोर्ट ने कहा कि ट्विटर को नोटिस दिए गए थे, लेकिन उनका पालन भी नहीं किया.

आदेश न मानने पर 7 साल की सजा और फाइन लगाया जा सकता है.

न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की एकल पीठ ने ट्विटर कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया

और इसे 45 दिनों के भीतर कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने का आदेश दिया.

अदालत ने फैसले के मुख्य हिस्से को पढ़ते हुए कहा,

“उपरोक्त परिस्थितियों में यह याचिका आधार रहित होने के कारण अनुकरणीय जुर्माने के साथ खारिज की जा सकती है और तदनुसार ऐसा किया जाता है.

याचिकाकर्ता पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है,

जो 45 दिनों के अंदर कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बेंगलुरु को देय है.

यदि इसमें देरी की जाती है, तो इस पर प्रति दिन 5,000 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगेगा.”

न्यायाधीश ने ट्विटर की याचिका खारिज करते हुए कहा,

”मैं केंद्र की इस दलील से सहमत हूं कि उनके पास ट्वीट को ब्लॉक करने और एकाउंट पर रोक लगाने की शक्ति है.”

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, फरवरी 2021 में केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन और कोरोना वायरस मामलों को लेकर ट्विटर को कुछ अकाउंट्स और ट्वीट के हटाने और ब्लॉक करने का आदेश दिया था.

लेकिन, कोई एक्शन नहीं हुआ.पिछले साल जून 2022 में केंद्र सरकार ने ट्विटर को एक नोटिस भेजा.

जिसमें आदेश न मानने पर कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावन भी दी गई.

इसके खिलाफ केंद्र सरकार के आदेश को चुनौती देते हुए ट्विटर ने कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

26 जुलाई, 2022 को जस्टिस कृष्णा सिन्हा की सिंगल जज बेंच ने मामले पर पहली बार सुनवाई की.

फिर केंद्र सरकार और ट्विटर दोनों ने कोर्ट के सामने अपने-अपने पक्ष रखे.

लंबी बहस के बाद कोर्ट ने 21 अप्रैल 2023 को अपना फैसला सुरक्षित रखा.

Follow us on Facebook

Follow us on YouTube

Download our App

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here