Prashant Kishor: लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने में लगे विपक्षी दलों की कोशिश जारी है. आगे की रणनीति को लेकर विपक्षी पार्टियों की मीटिंग कर्नाटक के बेंगलुरु में होगी.
जन सुराज के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बताया कि विपक्षी एकजुटता कैसे सफल होगी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने बिहार के समस्तीपुर में कहा कि विपक्षी एकता की हो रही कोशिशों को चुनावी लाभ तभी मिलेगा
जब वह एक नैरेटिव के साथ आएंगे ना कि केवल अंकगणित पर निर्भर रहेंगे.
Prashant Kishor ने कहा, ”विपक्षी एकजुट होकर काम तभी कर सकता है जब वो सत्ताधारी दल के खिलाफ नैरेटिव बनाने में सफल हो.”
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने भी एक आंदोलन किया
और फिर आपातकाल लगाया गया. ऐसे ही बोफोर्स मामले ने लोगों का ध्यान खींचा था.
शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के नेतृत्व में हुई बगावत को लेकर
प्रशांत किशोर ने कहा कि ये वहां के लोगों को तय करना है कि ये सही है या नहीं,
लेकिन सामान्य तौर पर किसी विधायक के पाला बदलने से पार्टी के वोट में ज्यादा फर्क नहीं पड़ता.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हुए सियासी घमासान का दूसरे किसी राज्य में कोई असर नहीं होगा.
बिहार में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बना ली,
तो इसका भी असर किसी दूसरे प्रदेश में नहीं हुआ था.
सीबीआई के नौकरी के बदले जमीन मामले से जुड़े केस में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने को लेकर
प्रशांत किशोर ने कहा कि लोग कथित गलत काम के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना करने वाले किसी भी नेता से नाराज नहीं हैं,
लेकिन यह चिंता का विषय है कि केवल विपक्ष के लोग ही पकड़े जाते हैं.