Delhi Flood Situation: दिल्ली में बाढ़ के हालात पर मंत्री और LG के बीच बहस

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Delhi Flood Situation

नई दिल्ली: Delhi Flood Situation :हरियाणा से पानी छोड़े जाने के बाद से दिल्ली में बाढ़ के हालात हो गए हैं. 4 दिन से यमुना नदी खतरे के निशान (Yamuna Water level)के ऊपर बह रही है.

शुक्रवार सुबह यमुना का जलस्तर 208.40 मीटर पहुंच गया.

यह खतरे के निशान 205 मीटर से 3.4 मीटर ज्यादा है.

Delhi Flood Situation:दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के बाहर सड़क पर पानी भर गया है. बाढ़ का पानी यमुना बाजार, लालकिले, राजघाट और ISBT-कश्मीरी गेट तक पहुंच गया है.

यहां 3 फीट तक पानी भर गया.

दिल्ली में बाढ़ के बढ़ते खतरे के बीच उपराज्यपाल वीके सक्सेना

और दिल्ली सरकार के मंत्रियों के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है.

दरअसल, यमुना पर एक ड्रेन रेगुलेटर फेल होने के बाद आईटीओ पर यमुना का पानी घुस आया.

इससे ट्रैफिक जाम हो गया.

Delhi Flood Situation: ट्रैफिक जाम लेकर शुक्रवार को एलजी वीके सक्सेना (Lieutenant Governor Vinai Kumar Saxena) और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) के बीच मीडिया के सामने ही बहस देखने को मिली.

एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल,

उनके दो मंत्रियों आतिशी और सौरभ भारद्वाज के साथ आईटीओ स्थित विकास भवन में उस जगह का दौरा किया,

जहां गुरुवार रात एक ड्रेन रेगुलेटर क्षतिग्रस्त हो गया था.

इसके बाद मीडिया से बात करते हुए एलजी ने कहा,

“गेट नंबर 12 टूट जाने की वजह से यमुना का पानी आईटीओ की तरफ जा रहा है.

इसको रोकने के लिए सेना, एनडीआरएफ, सिंचाई विभाग, बाढ़ विभाग और अन्य सभी विभागों की टीमें काम कर रही हैं.”

इसी दौरान सौरभ भारद्वाज ने एलजी को टोक दिया.

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा,

“मैंने रात से कई अधिकारियों से एनडीआरएफ और सेना को शामिल करने की अपील की थी,

लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

अब एनडीआरएफ आई है और हम इनका शुक्रिया अदा करते देते हैं कि जल्द ही टीम हालत पर काबू पाने में सफल होगी.

लेकिन मुख्य सचिव के ग्रुप में मौजूद होने के बावजूद किसी अधिकारी ने जवाब नहीं दिया.

बाद में सौरभ भारद्वाज ने डिविजनल कमिश्नर का नाम लेते हुए ट्वीट किया,

जिसमें उन्होंने दावा किया कि कैसे बार-बार अनुरोध को डिविजनल कमिश्नर ने नजरअंदाज कर दिया.

उन्होंने लिखा, “क्योंकि कुछ मीडिया मित्र पूछ रहे हैं –

अगर कुछ आईएएस ऐसी आपात स्थिति में भी अपने मंत्री की बातों को नजरअंदाज करेंगे, तो सरकार कैसे काम करेगी?

अश्विनी कुमार जी मंडलायुक्त हैं,

लेकिन बार-बार अनुरोध के बाद भी रात में एनडीआरएफ को नहीं बुलाया गया” मंत्री जी क्या आप अध्यादेश के कारण मनमानी करेंगे?”

ये समय इल्जाम लगाने का नहीं है-एलजी

पूरे मामले में दिल्ली के एलजी ने कहा, “यह वक्त किसी पर इल्जाम लगाने या टिप्पणी करने का नहीं है.

अभी हमें मिलजुल कर काम करने की जरूरत है.

अगर हम ऐसे ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रखेंगे तो फिर काम कैसे होगा?”

केजरीवाल ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का किया दौरा

इससे पहले, सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के प्रमुख हिस्सों को जोड़ने वाले बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया.

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति से बचा जा सकता था,

अगर एनडीआरएफ की एक टीम गुरुवार की रात ही घटनास्थल पर मौजूद होती.

उन्होंने दोहराया कि स्थिति को सुलझाने में मदद के लिए सेना को शामिल किया गया है.

इस पर एलजी ने कहा कि ध्यान संकट को सुलझाने पर होना चाहिए

और यह उंगली उठाने का समय नहीं है.

अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा कि यमुना के तेज बहाव के कारण ड्रेन रेगुलेटर में दरार आ गई है.

इसलिए पानी भर गया है.

उन्होंने अधिकारियों को इसे तत्काल ठीक करने के लिए सेना

और आपदा राहत बल की मदद लेने का निर्देश दिया है.

सीएम ने कहा- रेगुलेटर को आज ठीक कर लिया जाएगा.

आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और एलजी लंबे समय से

राष्ट्रीय राजधानी के शासन में सत्ता के वितरण को लेकर एक-दूसरे के आमने-सामने हैं.

इससे पहले आप सरकार की ओर से एलजी वीके सक्सेना पर दिल्ली में विकास कार्यों में बाधा डालने के लिए

बीजेपी के निर्देशों पर काम करने का आरोप लगाया गया है.

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