Food Inflation : त्योहारों के सीजन से पहले खाने पीने की चीजों की कालाबाजारी करने वालों पर सरकार कड़ी नजर रख रही है
और उसने भरोसा दिया है कि ऐसा करने वालों पर वो कड़ी कार्रवाई करेगी.
सरकार ने कहा है कि देश में गेहूं, चावल, चीनी, खाद्य तेल जैसी जरूरी खाने पीने वाली वस्तुओं की आपूर्ति पर्याप्त है
और आने वाले त्योहारों के दौरान इन खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमतें काबू में रहेगी.
खाद्य वस्तुओं की कीमतों की समीक्षा करने के बाद खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि देश में गेहूं,
चावल, चीनी, खाद्य तेल जैसी जरूरी खाद्य वस्तुएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.
उन्होंने कहा कि चाहे चावल हो या फिर गेहूं या चीनी अथवा खाद्य तेल,
आगामी त्योहारों के दौरान इनके दाम बढ़ने की आशंका नहीं है.
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर सरकार जरूरी कदम उठाती रही है और आगे भी उठायेगी.
चीनी की कीमतों में हाल के दिनों में तेजी आई है.
इस बारे में खाद्य सचिव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि चीनी की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं,
लेकिन अगस्त में कम बारिश के कारण गन्ने के उत्पादन में कमी की आशंका को लेकर अफवाह के कारण कुछ जगह पर कीमतों में तेजी आई है.
उन्होंने कहा कि देश में 85 लाख टन चीनी भंडार है जो
कि साढ़े तीन महीने की जरूरतों को पूरा करने के लिये पर्याप्त है.
उन्होंने कहा कि इस महीने की शुरुआत में कर्नाटक और महाराष्ट्र में अच्छी बारिश हुई है
और इससे गन्ने का उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद है. खाद्य सचिव ने कहा कि सरकार त्योहारों को लेकर तैयार है.
सरकार ने 25 लाख टन चीनी जारी किया है और अगस्त में दो लाख टन अतिरिक्त चीनी जारी की गई है.
Food Inflation : गेहूं को लेकर खाद्य सचिव ने कहा कि देश में गेहूं का पर्याप्त भंडार है और खुदरा कीमतें औसतन 30 रुपये प्रति किलो पर स्थिर है.
उन्होंने कहा कि 31 अगस्त तक, सरकार के पास 255 लाख टन गेहूं का भंडार था,
जबकि जरूरत 202 लाख टन की है.
अगर जरुरत पड़ी तो सरकार खुले बाजार में गेहूं की आक्रामक तरीके से बेच सकती है.
चावल को लेकर खाद्य सचिव ने कहा कि इसके दाम में 10 फीसदी के उछाल से हम चिंतित हैं.
उन्होंने कहा कि जानबूझ कीमतों में बढ़ोतरी की जा रही है.
लोग चावल का उत्पादन प्रभावित होने की बात कह रहे हैं.
लेकिन उन्होंने बताया कि फसल की स्थिति अच्छी है और कमी जैसी कोई बात नहीं है.
खाद्य सचिव ने खाने के तेल के बारे में कहा कि देश में37 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया है,
जो पिछले साल के 27 लाख टन से अधिक है.
उन्होंने बताया कि कम वैश्विक कीमतों का फायदा उठाते हुए इस साल रिकॉर्ड खाद्य तेल का आयात किया गया है.
ऐसे में खाने के तेल के पर्याप्त भंडार मौजूद है और आने वाले दिनों में किसी प्रकार कमी या कीमतों में बढ़ोतरी की कोई संभावना नहीं है.