Stampede in Hathras:नई दिल्ली:भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ उत्तर प्रदेश के हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के गांव फुलरई में आयोजित सत्संग में मची भगदड़ में 87 लोगों की मौत हो गई है.
मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
Stampede in Hathras: साथ ही इस हादसे में 100 से अधिक श्रद्धालु घायल भी हो गए हैं. इसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं.
सीएमओ ने इसकी पुष्टि की है. घटना की सूचना मिलने के बाद आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं.
जानकारी के अनुसार, अचानक भगदड़ के दौरान ये घटना घटी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, भगदड़ का कारण अभी तक सामने नहीं आया है.
हालांकि, सुरक्षाकर्मियों द्वारा श्रद्धालुओं को एक जगह रोकने के कारण सांस लेने की समस्या सामने आई थी.
इस कारण कई लोग मौके पर बेहोश हो गए थे.
फिलहाल, प्रशासन द्वारा इस घटना की जांच की जा रही है.
डीएम समेत कई आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं.
हाथरस समेत पूरे इलाके में भोले बाबा काफी समय से सत्संग करवाते हैं.
वह पहले पुलिसकर्मी थे और भोले बाबा का सत्संग शुरू किया.
स्थानीय लोगों के मुताबिक करीब 10 सालों से सत्संग चलता है.
मंगलवार को हाथरस के सिंकराराउ के रत्तीभानपुर में सत्संग हो रहा था.
सत्संग में करीब 5 से 10 हजार लोग जुटे हुए थे.
Stampede in Hathras:रिपोर्ट्स के मुताबिक गर्मी ज्यादा थी और भगदड़ हो गई. एक के ऊपर एक लोग भागने लगे, यह जानलेवा साबित हुआ.
अभी तक 87 की मौत की खबर, करीब 150 घायल बताए जा रहे हैं.
घायलों को एटा ले जाया गया, कुछ को सिंकराहाउ के ट्रामा सेंटर में भर्ती.
ऑक्सीजन और उमस के कारण घटी घटना
इस कार्यक्रम में कई हजार लोग मौजूद थे. कार्यक्रम के आयोजकों ने कार्यक्रम के लिए अनुमति मांगी थी.
मगर जो प्रशासन को भक्तों की संख्या के बारे में जानकारी दी गई थी, उससे कहीं ज्यादा भक्त कार्यक्रम में मौजूद थे.
इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए प्रशासन की लापरवाही की बात सामने आ रही है.
प्रशासन ने इस कार्यक्रम के लिए अच्छी तैयारी नहीं की थी.
अनियंत्रित भीड़ और उमस के कारण कई लोगों को अपने जान से हाथ धोना पड़ा.
एक प्रत्यक्षदर्शी महिला ने हादसे की पूरी घटना बताई है.
उन्होंने कहा कि सत्संग खत्म होने के बाद हम लोग निकलने लगे.
भीड़ बहुत ज्यादा थी, तभी अचानक भीड़ में भगदड़ मच गई. जिससे कई लोग एक दूसरे के नीचे दब गए.
कई लोगों की जान चली गई. मेरे साथ आए कई लोगों की जान चली गई है.
मैं भी दब गई थी. लगा था कि मौत हो जाएगी, लेकिन किसी तरह से बच गई.