Mamata Banerjee in Niti Aayog : नीति आयोग की बैठक में पहुंचीं ममता बनर्जी खफा हो गई और बैठक को बीच में छोड़कर ही बाहर निकल आईं.
जबकि विपक्षी दलों से अलग रुख अपनाकर ममता बैठक में शामिल होने दिल्ली आई थीं.
लेकिन अब वह नाराज नजर आ रही हैं.
उनका कहना है कि आगे से वह इस बैठक में कभी भी शामिल नहीं होंगी.
पूरा मामला उनका माइक बंद करने से जुड़ा है.
ममता के आरोपों पर सरकार की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है.
Mamata Banerjee in Niti Aayog:सरकारी सूत्रों के मुताबिक, यह दावा गलत है कि नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री का माइक बंद कर दिया गया.
उनके बोलने का समय खत्म हो चुका था.
समय खत्म होने के बाद भी बेल तक नहीं बजाई गई. उनकी बोलने की बारी लंच के बाद आती.
#WATCH | Delhi: West Bengal CM Mamata Banerjee says, “…I was speaking, my mic was stopped. I said why did you stop me, why are you discriminating. I am attending the meeting you should be happy instead of that you are giving more scope to your party your government. Only I am… pic.twitter.com/53U8vuPDpZ
— ANI (@ANI) July 27, 2024
लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें 7वें स्पीकर के रूप में शामिल किया गया,
क्योंकि उन्हें जल्दी वापस लौटना था.
“मेरा माइक बंद कर दिया, मुझे बोलने से रोका”
ममता बनर्जी का आरोप है कि उनको 5 मिनट से ज्यादा बोलने ही नहीं दिया गया.
जबकि उनसे पहले लोगों ने 10-20 मिनट तक अपनी बात रखी.
लेकिन जब उनकी बारी आई तो उनको बोलने से ही रोक दिया गया.
सीएम ममता बनर्जी ने कहा, “मैं बोल रही थी, मेरा माइक बंद कर दिया गया.
मैंने कहा कि आपने मुझे क्यों रोका, आप भेदभाव क्यों कर रहे हैं.मैं बैठक में भाग ले रही हूं, इसके बजाय आप जो दे रहे हैं, आपको खुश होना चाहिए.
आपकी पार्टी के लिए अधिक गुंजाइश, आपकी सरकार.
विपक्ष से केवल मैं ही वहां हूं और आप मुझे बोलने से रोक रहे हैं.
यह न केवल बंगाल का बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का भी अपमान है.”
बैठक में शामिल होने शुक्रवार को दिल्ली पहुंचीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा स्थापित आयोग को खत्म कर योजना आयोग को बहाल किया जाना चाहिए.
उन्होंने पत्रकारों के साथ बातचीत में बीजेपी को “टुकड़े-टुकड़े मंच” करार देते हुए कहा कि वह अपने राज्य को विभाजित नहीं होने देंगी.
विपक्षी नेता नीति आयोग की बैठक में क्यों नहीं पहुंचे
विपक्षी नेता बजट में उनके राज्यों के साथ भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं.
उन्होंने बजट आने के बाद ही सरकार पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान कर गिया था.
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने केंद्रीय बजट में उनके राज्य को पूरी तरह से नजरअंदाज करने की बात कही थी.