UP Assembly by election 24: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और यूपी की डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच की जुबानी जंग किसी से छुपी नहीं है.
ऐसे में सपा अध्यक्ष ने अब केशव प्रसाद मौर्य को लेकर ऐसा चक्रव्यूह रचा है जिसमें बीजेपी फंसती दिखाई दे रही है.
यूपी में बीजेपी सपा समेत सभी राजनीतिक दल उपचुनाव की तैयारी में जुटे हैं.
बीजेपी ने फूलपुर सीट की जिम्मेदारी केशव प्रसाद मौर्य को दी है
लेकिन सपा ने इस सीट पर अपने दूसरे सबसे बड़े दलित चेहरे को उतार दिया है.
UP Assembly by-election 24:केशव मौर्य को सपा अध्यक्ष ने घेरा
केशव मौर्य और अखिलेश यादव में तल्खी के बीच सपा अध्यक्ष ने फूलपुर सीट के लिए अपने दलित नेता इन्द्रजीत सरोज को प्रभारी नियुक्त किया है.
जबकि बीजेपी की ओर से इस सीट को जिताने की जिम्मेदारी केशव प्रसाद मौर्य के कंधों पर है.
इंद्रजीत सरोज बड़ा दलित चेहरा है और इस सीट पर उनके समाज से बड़ी संख्या में मतदाता आते हैं.
इंद्रजीत सरोज का इस इलाके में खासा प्रभाव है
अगर वो इन मतदाताओं को सपा के पक्ष में लाने में कामयाब हो जाते हैं तो केशव प्रसाद मौर्य के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है.
ऐसे में ये सीट उनके लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है.
लेकिन बीजेपी के लिए सिर्फ फूलपुर ही नहीं अयोध्या की मिल्कीपुर और अंबेडकर नगर की कटेहरी सीट भी नाक की लड़ाई बनी हुई है.
कटेहरी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ Vs शिवपाल
मिल्कीपुर और कटेहरी सीट को जिताने की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास है.
सपा अध्यक्ष ने उनके सामने भी अपनी पार्टी के दिग्गज उतार दिए हैं.
सपा ने जहां मिल्कीपुर सीट की जिम्मेदारी फैजाबाद से सांसद अवधेश प्रसाद को दी है.
वो यहां विधायक भी रहे हैं तो वहीं कटेहरी सीट पर उनकी टक्कर चाचा शिवपाल यादव से है.
शिवपाल यादव संगठन के महारथी माने जाते हैं.
मुलायम सिंह यादव के वक्त से ही उनके पास संगठन का बड़ा अनुभव रहा है.
यही नहीं पिछले साल घोसी उपचुनाव में भी वो अपना दम दिखा चुके हैं.
जहां एनडीए ने इस चुनाव में अपने तमाम दिग्गजों को उतार दिया था तो
वहीं शिवपाल यादव ने अकेले बागडोर संभाली और इसी सीट पर बीजेपी के दारा सिंह चौहान को चित कर दिया.
ऐसे में शिवपाल यादव और सीएम योगी आदित्यनाथ की टक्कर भी देखने लायक होगी.
सपा ने अपने दांव से सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव मौर्य दोनों को घेर लिया है.
इन दिग्गजों को उतारकर उन्होंने तीनों सीटों पर बीजेपी की लड़ाई चुनौती पूर्ण बना दी है.