Javed Akhtar: जावेद अख्तर को अखिलेश यादव पर भरोसा है:राजेन्द्र चौधरी

0
54
Javed Akhtar

Javed Akhtar: जावेद साहब इन दिनों कबीर और रहीम के दोहों की आज के संदर्भ में प्रासंगिकता पर विशेष काम कर रहे हैं. इसी सिलसिले में वे लखनऊ आए थे.

अख्तर साहब ने दो तीन दोहे भी सुनाए और उनकी व्याख्या भी की.

Javed Akhtar का कहना था कि कबीर की वाणी में सरल आध्यात्मिक ज्ञान है जो मानव को सोचने और समझने पर विवश करता है जबकि रहीम आपसी सद्भावना के प्रेरक है.

इन दोनों की विचारधारा सामाजिक सद्भाव और प्रेम से जीवन जीने की प्रेरणा देती है.

आज के समय मानवीय मूल्यों पर हमला है तब और भी कबीर की प्रासंगिकता बढ़ गयी है.

कबीर की वाणी खरी-खरी है रहीम के दोहों में भी गहरी समझ है.

यह एक संयोग था कि जब लखनऊ एयरपोर्ट के वीआईपी लाउंज में हम पहुंचे तो वहां फिल्म जगत के सुप्रसिद्ध लेखक शायर जावेद अख्तर साहब पहले से बैठे हुए थे.

हमें देहरादून जाना था और जावेद साहब मुम्बई जाने वाले थे.

दो ही लोग तब वहां थे तो परस्पर परिचय होते देर नहीं लगी.

जहां परिचय में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का सम्बंध आया

तो जावेद साहब की दिलचस्पी भी बढ़ गई.

फिर बात आगे बढ़ी तो साहित्य और राजनीति के विविध पहलुओं पर भी चर्चा होने लगी..

जावेद साहब ने आराधना फिल्म की बात छेड़ी. फिर शोले का जिक्र कैसे नहीं होता.

1974 में इस फिल्म ने सारे रिकार्ड तोड़ दिये थे.

सलीम-जावेद की जोड़ी ने अमिताभ बच्चन को हीरो बना दिया.

जावेद साहब का एक और रूप है सोशल एक्टिविस्ट का.

समय-समय पर वे आज के मुद्दों पर अपने विचार रखते हैं. जिन पर कई बार विवाद भी हो जाता है.

जावेद अख्तर का मानना है कि देश में विघटनकारी राजनीति के दिन अब गिने चुने रह गये हैं.भाजपा शीर्ष स्थान से नीचे की ओर ढलान पर है.

देश के अन्दर ही अन्दर आक्रोश है और आने वाला समय महत्वपूर्ण होगा.

जावेद अख्तर का कहना था कि अयोध्या में सत्ता दल को जो शिकस्त मिली है, उससे कई चेहरों के रंग उतर गए हैं. पहले जैसी रौनक और चमक नहीं रह गई है.

उन्हें भी पता है कि अब उनकी काठ की हांड़ी दुबारा नहीं चढ़ेगी.

इसका श्रेय अखिलेश यादव जी को जाता है.

इस प्रसंग में जावेद जी ने माना कि श्री अखिलेश यादव का सक्षम नेतृत्व है.उनसे लोगों को भारी उम्मीदे हैं.

उनकी कुशल रणनीति के चलते ही लोकसभा चुनाव में भाजपा की जो दुर्गति बनी है उसका असर दूर तक दिखेगा.

राजेन्द्र चौधरी ने श्री जावेद अख्तर को चौधरी चरण सिंह पर अपने आलेख की एक पुस्तिका भी भेंट की,

जिसमें सन् 1974 में चौधरी साहब के साथ में वे मंच पर सम्बोधन करते दिखाई दे रहे है.

सन् 1974 में पहली बार चौधरी चरण सिंह जी ने गाजियाबाद से राजेन्द्र चौधरी को भारतीय क्रांति दल से विधानसभा में प्रत्याशी बनाया था.

राजेन्द्र चौधरी तब छात्र संघ के अध्यक्ष भी थे.

राजेन्द्र चौधरी का मानना रहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा ने छलबल और झूठ के सहारे 2022 का चुनाव जीता

जबकि जनता अखिलेश यादव की सरकार बना रही थी.

अखिलेश यादव ने 2012 से 2017 तक पांच वर्ष के मुख्यमंत्रित्वकाल में प्रदेश को हर क्षेत्र में आगे ले जाने का काम किया.

अखिलेश यादव ने एक तरफ जहां विकास को गति देने के लिए प्रदेश में आधारभूत ढ़ाचे को मजबूत बनाया

वहीं चिकित्सा-शिक्षा समेत हर क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये.

कला और साहित्य को बढ़ावा दिया.

कलाकारों और साहित्यकारों को सम्मान और सुविधाएं प्रदान की.

कला, साहित्य, खेल, चिकित्सा, और लोककला के क्षेत्र की नामचीन हस्तियों को यशभारती सम्मान देकर उनका मान बढ़ाया.

अखिलेश यादव की यह सोच थी कि प्रदेश में पूंजीनिवेश की दिशा में प्रभावी कदम उठाये गए. लखनऊ में एचसीएल आया, अमूल प्लांट लगा.

किसानों की फसल की विपणन व्यवस्था के लिए मंडियों का निर्माण कराया.

बेरोजगार नौजवानों के लिए कौशल विकास का कार्यक्रम चलाया..

अखिलेश जी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे जो नई चीज देखते हैं

उसकी उपयोगिता को परख कर प्रदेश की प्रगति से जोड़ने की भी नायाब दृष्टि रखते हैं.

समाजवादी आंदोलन के पुरोधा लोकनायक जयप्रकाश नारायण की स्मृति में वर्ल्ड क्लास जेपी इंटरनेशनल सेंटर का भव्य निर्माण कराया, जहां समाजवादी आंदोलन का पूरा इतिहास अंकित है.

अखिलेश जी को गरीबों, मध्यवर्ग की परेशानियों की भी चिंता रहती है.

सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों और मरीजों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने हेतु 108 एम्बूलेंस सेवा शुरू की थी ताकि लोगों की जान बच सके.

गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए 102 एम्बुलेंस सेवा शुरू की थी.

गंभीर बीमारियों कैंसर, किडनी, लीवर और दिल के मरीजों के लिए मुफ्त इलाज की व्यवस्था की.
लखनऊ में कैंसर अस्पताल का निर्माण कराया था.

खेद की बात है कि आज भाजपा सरकार ने जनहित की इन सभी सुविधाओं और व्यवस्थाओं को बर्बाद कर दिया है.

समाजवादी अखिलेश यादव आज पीडीए के माध्यम से भाजपा की नफरती राजनीति का मुकाबला कर रहे है.

पीडीए में पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी, आधी आबादी महिलाएं, गरीब अगड़े सभी शामिल हैं.

आज समाजवादी पार्टी नई सोच के साथ युवाशक्ति से जुड़ी प्रदेश की पहली और देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.

Follow us on Facebook

Follow us on YouTube

(डिसक्लेमर : ऊपर व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं राजेन्द्र चौधरी पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं राष्ट्रीय सचिव, समाजवादी पार्टी है)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here