हैदराबाद: Dr Reddy’s Laboratories ने गुरुवार को कहा कि Sputnik Light भारत में रूसी सुरक्षा डेटा को मंजूरी के लिए जमा कर सकती है.
एक्सपर्ट कमेटी (Expert Committee) ने फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डीज (Dr. Reddy’ s) से कहा है कि स्पूतनिक लाइट का भारत में अलग से तीसरे फेज का ट्रायल करने की जरूरत नहीं है.
इस वैक्सीन के रूस में किए गए ट्रायल डेटा को ही पेश किया जा सकता है.
ये डेटा ही वैक्सीन को मार्केट ऑथोराइजेशन देने के लिए पर्याप्त होगा.
Dr Reddy’s Laboratories को भारत में रूस के COVID-19 वैक्सीन स्पुतनिक लाइट के तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था.
केंद्र सरकार की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) ने मई में रूस द्वारा पेश किए गए रूसी वैक्सीन स्पूतनिक लाइट को ट्रायल की मंजूरी देने से इंकार कर दिया गया था.
भारत की टॉप नियामक एजेंसी Central Drugs Standard Control Organisation ने कहा है कि सिंगल डोज वाली रूसी वैक्सीन (Russian vaccine) स्पूतनिक लाइट को,
भारत में तीसरे चरण के ट्रायल के लिए मंजूरी नहीं दी जा सकती है
क्योंकि यह वैज्ञानिक औचित्य पर खरा नहीं उतरती है.
वहीं विस्तृत विचार-विमर्श के बाद समिति ने सिफारिश की कि फर्म को देश में मारकेटिंग ऑथराइजेशन ग्रांट के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए रूस में किए जा रहे,
स्पुतनिक लाइट के तीसरे स्टेज के नैदानिक ट्रायल की सुरक्षा, प्रतिरक्षा और प्रभावकारिता डेटा (Immunogenicity and Efficacy data) प्रस्तुत करना चाहिए.
कमिटी ने नोट किया कि स्पुतनिक लाइट, स्पुतनिक वी के कम्पोनेंट -1 के समान है.
दरअसल स्पुतनिक वी को लॉन्च करने के बाद,
रूस ने मई में स्पुतनिक लाइट नामक अपना नया एकल-खुराक COVID वैक्सीन पेश किया.
ये डेटा ही वैक्सीन को मार्केट ऑथोराइजेशन देने के लिए पर्याप्त होगा.
बता दें स्पूतनिक लाइट सिंगल डोज वैक्सीन है.
सिंगल शॉट वाली इस वैक्सीन का एफिकेसी डेटा करीब 79.4 फीसदी पाया गया है.
वहीं दो डोज वाली वैक्सीन का एफिकेसी रेड 97 फीसदी आया था.
ये डेटा वैक्सीन डेवलपर्स ने ही दिए हैं.
Dr Reddy’s Laboratories ने भारत में स्पूतनिक-V का भारत में फेज 3 ट्रायल किया है. इसमें करीब 1600 लोगों को शामिल किया गया था.
स्पूतनिक-V को अप्रल मध्य में भारत में इमरजेंसी यूज की अनुमति दे दी गई थी.
ब्यूनस आयर्स प्रांत (अर्जेंटीना) के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एकत्र किए गए,
वास्तविक दुनिया के आंकड़ों के अनुसार, आरडीआईएफ ने पहले कहा था कि रूसी स्पुतनिक लाइट,
वैक्सीन बुजुर्गों में 78.6 प्रतिशत से 83.7 प्रतिशत प्रभावकारिता प्रदर्शित करता है.
अभी तक यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) और यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) द्वारा अप्रूव किया जाना बाकी है.
इसी हफ्ते अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन को भी भारत में बिना ट्रायल मंजूरी दे दी गई है.
इस वैक्सीन को ‘न्यू ड्रग परिमिशन’ के तहत मान्यता मिली है.
और ये मान्यता सीमित उपयोग के लिए दी गई है.
अब देश में चार वैक्सीन को अनुमति मिल चुकी है.
कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पूतनिक-V के जरिए वैक्सीनेशन जारी है.
वहीं एक अन्य अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइज़र की वैक्सीन को लेकर भी बातचीत चल रही है.