नई दिल्ली : Sero Survey : चौथे नेशनल सीरो सर्वे को लेकर ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ बलराम भार्गव ने कहा,
‘राष्ट्रीय सीरो सर्वे का चौथा चरण जून-जुलाई में 21 राज्यों के 70 जिलों में आयोजित किया गया.
इसमें 6-17 एज ग्रुप के बच्चे शामिल थे.’ भार्गव ने कहा, “हमने 7252 हेल्थकेयर वर्कर्स पर भी अध्ययन किया.
इनमें से 10 प्रतिशत ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी, उनमें ओवरऑल सीरोप्रिविलेंस 85.2 प्रतिशत पाया गया.
Sero Survey : ICMR के डायरेक्टर जनरल ने बताया, इस Sero Survey में सामने आया है कि सामान्य आबादी के 2/3 यानी 6 साल से अधिक उम्र के लोगों को SARS-CoV-2 संक्रमण था.
भार्गव ने कहा कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है
कि एक तिहाई आबादी में एंटीबॉडी नहीं थी यानी देश की 40 करोड़ आबादी अभी भी असुरक्षित है.
डॉ बलराम भार्गव ने कहा, बच्चे बड़े लोगों की तुलना में संक्रमण को ज्यादा अच्छी तरह से झेल सकते हैं.
उन्होंने कहा, 6-9 साल के बच्चों में एंटीबॉडी एडल्ट के बराबर है.
खासकर यंग बच्चों में एंटीबॉडी एक्सपोजर एडल्ट की तरह ही देखा गया है.
कुछ देशों में प्राथमिक विद्यालयों को कभी नहीं बंद किया गया.
ऐसे में अगर स्कूल खोलना है तो प्राथमिक विद्यालयों को सबसे पहले खोला जाना चाहिए.
भार्गव ने कहा, प्राथमिक के बाद सेकेंडरी स्कूल खोला जाना चाहिए.
लेकिन सभी सपोर्ट स्टाफ का वैक्सीनेशन होना जरूरी है
. जहां तक स्कूल खोलने की बात है तो इसे खोला जा सकता है लेकिन कई तरह के पैमाने को ध्यान में रखकर.
Sero Survey : बच्चों के लिए जल्द खोले जाएंगे स्कूल
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब साफ कर दिया है कि कोविड संक्रमण के घटते मामलों के बीच अब बच्चों को जल्द ही स्कूल भेजा जा सकता है.
इंडियन कांउसिल आफ रिसर्च के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि बच्चों में काफी अच्छी एंटीबॉडी देखने को मिली है.
यह भी पाया गया है कि बच्चें बड़ों की तुलना में काफी अच्छे तरीके से संक्रमण को झेल सकते हैं.
ऐसे में उन्हें स्कूल भेजा जा सकता है.
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि बड़ी आबादी अभी भी कोरोना संक्रमित हो सकती है.
ऐसे में लोगों से इस बात की अपील है कि वो बेवजह यात्रा से बचें.
ऐसे लोग ही यात्रा करें जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है.
किन बच्चों पर हुआ सीरो सर्वे
28975 लोगों पर Sero Survey किया गया, जिनमें 6 से 9 साल के उम्र के 2892
और 10 से 17 साल के 5799 बच्चों को शामिल किया गया. इतना ही नहीं,
इसमें 18 साल के 20284 यंग बच्चों को शामिल किया गया.
एज ग्रुप के हिसाब से सीरोप्रिविलेंस की बात करें तो 6 से 9 साल में 57.2 प्रतिशत,
10 से 17 साल की उम्र में 61.6 प्रतिशत, 18 से 44 में 66.7 प्रतिशत,
45 से 60 साल की उम्र की बात करें तो 76.7 प्रतिशत
और 60 साल के ज्यादा एज ग्रुप में 76.7 प्रतिशत संक्रमण पाया गया.
वहीं, पुरुषों में 65.8 और महिलाओं में 69.2 प्रतिशत संक्रमण पाया गया.
सीरो सर्वे में यह भी पाया गया कि ग्रामीण इलाकों में 66.7 प्रतिशत
और शहरी इलाकों में 69.6 प्रतिशत लोग संक्रमण हुए थे.
कुल 20276 लोगों में से 12607 लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ था.
5038 लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज जबकि 2631 लोगों ने वैक्सीन की दोनें डोज ली थी.
कुल 28975 में से 67.6 प्रतिशत लोगों में सीरोप्रिविलेंस (संक्रमण) पाया गया.
कई देशों में नहीं बंद किए गए स्कूल
डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि कोविड संक्रमण के दौरान कई देशों में स्कूल बंद नहीं किए गए.
ऐसे में कई तरह की पाबंदियों के साथ स्कूल को खोला जा सकता है.
हेल्थकेयर वर्कर भी बड़ी संख्या में संक्रमित हुए हैं.
सीरो सर्वे के मुताबिक, 85.2 प्रतिशत हेल्थकेयर वर्कर संक्रमित हुए हैं.
इनमें 10.5 प्रतिशत हेल्थकेयर वर्कर्स ने वैक्सीन की डोज नहीं ली थी.
जबकि 13.4 प्रतिशत ने पहली डोज और 76.1 प्रतिशत ने दूसरी डोज ली थी.