दिल्ली : Academic Session 2021-22 : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से दसवीं-बारहवीं की परीक्षा के लिए जारी की गई स्पेशल स्कीम के तहत नवंबर में फर्स्ट टर्म-1 एग्जाम होने हैं.
स्कूल इस एग्जाम में बच्चों के बेहतर प्रदर्शन के लिए मल्टीपल च्वाइस क्वैंशचंस बैंक तैयार कर रहे हैं.
इस तरह के बैंक तैयार करने के पीछे स्कूलों का उद्देश्य बच्चों को बोर्ड के पैटर्न से परिचित कराना है.
इस स्कीम के तहत बच्चों की परीक्षा ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षा होनी है.
हालांकि यह कोरोना महामारी की तीसरी लहर पर निर्भर करेगा.
स्कूल इससे पहले अपने स्तर पर प्री-बोर्ड की तर्ज पर परीक्षा कराएंगे जिसमें मल्टीपल च्वाइस क्वैंशचन फॉर्मेट में ही उनकी परीक्षा ली जाएगी.
मौसम विहार स्थित डीएवी स्कूल की प्रिंसिपल वंदना कपूर ने बताया कि इस स्कीम के तहत फर्स्ट टर्म-1 एग्जाम नवंबर-दिसंबर 2021 के बीच लिया जाना है.
Academic Session 2021-22 : इसके लिए अभी से तैयारी की जा रही है क्योंकि यह स्कीम बच्चों के साथ-साथ स्कूलों के लिए भी नई है.
परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाने हैं। लिहाजा हम मल्टीपल च्वाइस क्वैंशचन बैंक बना रहे हैं.
जिससे कि उससे बच्चों को उनसे परिचित कराया जा सके.
प्री बोर्ड तर्ज पर हम सिंतबर में एक परीक्षा लेंगे जिसमें मल्टीपल च्वाइस वाले प्रश्न ही रखे जाएंगे.
बच्चों को तैयारी के लिए सैंपल क्वैंशचन बैंक भी देंगे.
जिससे कि वह बोर्ड की ओर से नवंबर में आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए तैयार हो सकें.
दिलशाद गार्डन स्थित अर्वाचीन इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल स्वप्ना नायर ने बताया कि बोर्ड की स्कीम को देखते हुए
हमने 100 फीसदी पाठ्यक्रम को दो हिस्सों में बांट दिया है.
50-50 फीसदी हिस्से को भी टुकड़ों में बांट दिया है। यह तैयारी हमने जुलाई से शुरू की है.
50 फीसदी हिस्से में से बहुविकल्पीय प्रश्न आधारित सैंपल पेपर बना रहे हैं.
इसके आधार पर नवंबर की परीक्षा शुरू होने से पहले परीक्षा ली जाएगी.
जिससे कि बच्चे परीक्षा के पैटर्न से परिचित हो जाएं.
उल्लेखनीय है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर सीबीएसई.
ने जुलाई के पहले सप्ताह में दसवीं-बारहवीं 2022 की बोर्ड परीक्षा के लिए स्पेशल स्कीम की घोषणा की थी.
इस स्कीम के तहत 50-50 फीसदी पाठ्यक्रम के साथ दो बार परीक्षा होनी है.
पहला टर्म-1 एग्जाम नवंबर-दिसंबर 2021 में होना है.
इसमें मल्टीपल च्वाइस केस आधारित एमसीक्यू.
और रीजनिंग बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे.
हर पेपर का टेस्ट 90 मिनट का होगा.
प्रश्न प्रत्र सीबीएसई ही स्कूलों को भेजेगा.
परीक्षा भी वहीं होगी जहां छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.
छात्रों को ओएमआर शीट पर उत्तर देने हैं.
जिन्हें स्कूल स्कैन करके सीबीएसई के पोर्टल पर अपलोड करेंगे.
Academic Session 2021-22 : आईआईटी, आईआईएम में शिक्षक भर्ती में आरक्षण रोस्टर अनिवार्य रूप से लागू
देश के सभी आईआईटी, आईआईएम, आईआईएससी, एनआईटी.
आईआईआईटी समेत 106 तकनीकी संस्थानों में 2021 से शिक्षक भर्ती में अनिवार्य आरक्षण रोस्टर नियम लागू करना होगा.
यानी देश के इन दिग्गज संस्थानों में केंद्र सरकार के एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, गर्ल्स कोटा आदि नियमों के तहत शिक्षकों की सीट आरक्षित होंगी.
इन संस्थानों में 10 छात्रों पर एक शिक्षक का प्रावधान है.
अभी तक आरक्षण की बजाय शिक्षक भर्ती और प्रमोशन में प्रोफेशनल मेरिट को आधार माना जाता था.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पिछले हफ्ते इन सभी तकनीकी संस्थानों को शिक्षण भर्ती में अनिवार्य आरक्षण रोस्टर नियम सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है.
सभी संस्थानों को भेजे पत्र में लिखा है कि केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान अधिनियम,
2019 से आरक्षण रोस्टर तैयार करना पडे़गा..
मंत्रालय के बार-बार कहने के बाद भी इन संस्थानों में शिक्षक भर्ती में आरक्षण नियम लागू नहीं किया जा रहा था..
ऐसे में सरकार ने अब चेतावनी दी है.
कि इसी सत्र यानी 2021 के लिए शिक्षक भर्ती आरक्षण रोस्टर के आधार पर करें
और उसकी रिपोर्ट भेजने का भी निर्देश दिया गया है.
दाखिले में आरक्षण नियम पर शिक्षक भर्ती में नहीं
केंद्र सरकार से सहायता प्राप्त इन 106 दिग्गज तकनीकी शिक्षण संस्थानों में दाखिले में तो छात्रों
को केंद्र सरकार के आरक्षण नियम व मेरिट के तहत सीट आवंटित होती है.
हालांकि, शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण नियम लागू नहीं किया जात है.
इसी बात पर कई बार पहले आईआईएम और मंत्रालय में टकराव भी हो चुका है.
10 छात्रों पर एक शिक्षक का प्रावधान
देश के सभी 23 आईआईटी और आईआईएम में अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत 10 छात्रों पर एक शिक्षक का प्रावधान है.
इसका मकसद है कि शिक्षकों की कमी के चलते दिग्गज संस्थान की पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित न हो.
वहीं, सामान्य संस्थानों में 20 छात्रों पर एक शिक्षक होता है..
असिस्टेंट से लेकर प्रोफेसर तक में लागू होगा नियम
सरकार के नए निर्देश के तहत इन सभी संस्थानों में अब असिस्टेंट से लेकर प्रोफेसर पद तक में आरक्षण रोस्टर नियम लागू होग.
मसलन असिस्टेंट, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर और प्रोफेसर (एचएजी) .
पद पर नई भर्ती से लेकर प्रमोशन में आरक्षण का प्रावधान करना पड़ेगा.