नई दिल्ली : GDP : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के व्यापार
और वाणिज्य क्षेत्र के स्टेकहोल्डर्स और विदेशों में भारतीय मिशनों के प्रमुखों के साथ बातचीत की.
इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि निर्यात क्षेत्र में योगदान बढ़ाना हमारा उद्देश्य है.
हमें इनोवेशन पर फोकस करने की जरूरत है. इसके लिए केंद्र और राज्यों को एक साथ आना चाहिए.
यह आत्मनिर्भर भारत की नई व्यवस्था को बनाएगा. हमें स्थानीय वस्तुओं के लिए वैश्विक बाजार विकसित करने की जरूरत है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज फिजिकल, टेक्नोलॉजीकल
और फाइनेंसियल कनेक्टिविटी की वजह से दुनिया हर रोज और छोटी होती जा रही है.
ऐसे में निर्यात के विस्तार के लिए दुनिया भर में नई संभावनाएं बन रही हैं.
इस वक्त हमारा एक्सपोर्ट जीडीपी का लगभग 20 प्रतिशत है.
हमारी अर्थव्यवस्था के साइज़, हमारे पोटेंशियल, हमारी मैन्युफेक्चरिंग और सर्विस इंडस्ट्री के बेस को देखते हुए इसमें बहुत वृद्धि की संभावना है.
एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए PM मोदी के 4 मंत्र
प्रधानमंत्री ने बातचीत के दौरान चार फैक्टर बताए. पहला- देश में मैन्यूफैक्चरिंग कई गुना बढ़े.
दूसरा- ट्रांसपोर्ट की, लॉजिस्टिक्स की दिक्कतें दूर हों.
तीसरा- एक्सपोर्टर्स के साथ सरकार कंधे से कंधा मिलाकर चले चौथा फैक्टर, जो आज के इस आयोजन से जुड़ा है,
वो है- भारतीय प्रॉडक्ट्स के लिए इंटरनेशनल मार्कट. एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए चार फैक्टर्स बहुत महत्वपूर्ण हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये समय ब्रांड इंडिया के लिए नए लक्ष्यों के साथ नए सफर का है.
हमें ये प्रयास करना है कि दुनिया के कोने-कोने में भारत के हाई वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स को लेकर एक स्वाभाविक डिमांड पैदा हो.
GDP विदेशों में मौजूद इंडियन हाउस, भारत का प्रतिनिधित्व करें: पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि ये समय आजादी के अमृत महोत्सव का है.
ये समय आजादी के 75वें वर्ष में अपनी स्वतंत्रता को सेलिब्रेट करने का तो है ही,
साथ ही भविष्य के भारत के लिए एक क्लियर विजन और रोडमैप के निर्माण का अवसर भी है.
उन्होंने कहा कि अलग-अलग देशों में मौजूद इंडिया हाउस,
भारत की मैन्यूफैक्चरिंग पावर के भी प्रतिनिधि बनें.
समय-समय पर आप, भारत में यहां की व्यवस्थाओं को अलर्ट करते रहेंगे,
गाइड करते रहेंगे, तो इसका लाभ एक्सपोर्ट को बढ़ाने में होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 7 साल पहले हम लगभग 8 बिलियन डॉलर के मोबाइल फोन बाहर से मंगाते थे.
अब ये घटकर 2 बिलियन डॉलर हो गया है.
7 साल पहले भारत सिर्फ 0.3 बिलियन डॉलर के मोबाइल एक्सपोर्ट करता था,
अब ये बढ़कर 3 बिलियन डॉलर से भी अधिक हो गया है.
ग्लोबल इकोनॉमी में हमारी हिस्सेदारी सबसे अधिक थी.
उसका एक बड़ा कारण भारत का ताकतवर ट्रेड और एक्सपोर्ट था.
हमारी दुनिया के लगभग हर हिस्से के साथ ट्रेड लिंक और ट्रेड रूट्स भी रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि देश का निर्यात जुलाई में 47.19 प्रतिशत बढ़कर 35.17 अरब डॉलर रहा.
निर्यात में वृद्धि का मुख्य कारण पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग और रत्न एवं आभूषणों के निर्यात में मजबूत वृद्धि है.
मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए 400 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य रखा है.