Desi corn: खासतौर पर बारिश के मौसम में ज्यादातर लोगों को भुट्टा खाने की क्रेविंग होती हैं.
बारिश और मक्के का खास संबंध है. इस मौसम में गर्मागर्म भुट्टे के साथ नींबू का रस और नमक मिलाकर खाएं.
हालांकि जो लोग भुने हुए भुट्टे के शौकीन नहीं है उनके लिए स्वीट कार्न एक बेहतरीन ऑप्शन है.
Desi corn: स्वीट कार्न हो या देसी भुट्टा दोनों का अपना स्वाद हैं.
लेकिन जब हम पोषक तत्वों और स्वास्थ्य लाभों की बात करते हैं तो एक से दूसरा अधिक स्वस्थ विकल्प माना जाता है.
मक्का अन्य अनाजों की तरह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है.
बाजार में लाल, नारंगी, सफेद , बैंगनी, काला जैसे विभिन्न रंगों में उपल्बध है.
इसमें कई तरह के पोषत तत्व मौजूद होते हैं. 100 ग्राम उबले मक्के में 96 प्रतिशत कैलोरी, 73 पानी. कार्ब्स 21 ग्राम, प्रोटीन 3.4 ग्राम, फाइबर 2. 4 ग्राम, फैट 1.5 ग्राम होता है.
कॉर्न में मुख्य रूप से स्टार्च होता है जिसकी वजह से कार्ब्स की भरपूर मात्रा होती है.
स्वीट कॉर्न में चीनी की मात्रा होने के बावजूद ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है.
इसके अलावा प्रोटीन, मैंग्नीज, मैंग्नीशियम, जिंक होता है.
कॉर्न में पोषक तत्व की भरपूर मात्रा होती है लेकिन आप इसे किस तरह से पकाते हैं
उससे पौष्टिक तत्वों पर प्रभाव पड़ता है.
हाली में डाइटिशियन मुनमुन गनेरीवाल ने बताया कि दोनों में से कौना सा ज्यादा सेहतमंद है.
एक्सपर्ट्स के अनुसार , स्वीट कॉर्न एक हाइब्रीड सीड है जिसमें अन्य पोषक तत्वों के मुकाबले शुगर की मात्रा अधिक मात्रा होती है.
फाइबर की मात्रा न के बराबर होती है. वहीं देसी भट्टा 3000 किस्मों में कम पानी और खाद्य के साथ उगाया जाता है.
इसमें फाइबर और पोषत तत्वों का मात्रा अधिक होती है.
इसमें मौजूद शुगर कॉम्पलेक्स स्टॉर्च में बदल जाता है जिसकी वजह से शुगर लेवल नहीं बढ़ता है.
इसलिए देसी भुट्टा स्वीट कॉर्न से ज्यादा बेहतर होता है.
मकई सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
Desi corn में कैरोटीनॉयड, जेक्सैन्थिन और ल्यूटिन जैसे एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं जो आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं.
ल्यूटिन आपकी आंखों को लैपटॉप और सेल फोन स्क्रीन से नीली रोशनी से उत्पन्न ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में भी मदद कर सकता है.
इसमें मौजूद पोटेशियम की मात्रा हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है
और फोलेट बच्चों के मानसिक विकास में मदद करता है.
किसी भी चीज को अधिक मात्रा में सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक होता है,
भले ही वो पौष्टिक भोजन क्यों न हों. क्योंकि अधिक मात्रा में खाने से सेहत को नुकसान हो सकता है.
मकई में कुछ मात्रा में फाइटिक एसिड होता है जो शरीर में आयरन और जिंक जैसे मिनरल्स को एब्जॉर्ब होने से रोकता है.
एक दिन में बहुत अधिक मकई का सेवन भी सूजन और कब्ज की समस्या हो सकती है.