नई दिल्ली : Hazara Muslims को क्यों खत्म करने पर तुला है तालिबान?
अफगानिस्तान का हजारा समुदाय शिया मुसलमानों का एक समूह है.
धार्मिक मान्यताओं के चलते ये समुदाय तालिबान के निशाने पर रहता है.
कट्टरपंथी सुन्नी और तालिबान हजारा समुदाय को मुसलमान नहीं मानते हैं.
23 साल पहले अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत थी.
इस दौरान तालिबानी लड़ाकों ने अफगानिस्तान के बड़े शहर मजार-ए-शरीफ भीषण नरसंहार कांड को अंजाम दिया.
तालिबानी दहशतगर्दों का काफिला जैसे ही मजार-ए-शरीफ में दाखिल हुआ वैसे हील हड़कंप मच गया,
जो जहां दिखा उसे गोली मार दी गई. कई दिनों तक तालिबान का खूनी कोहराम जारी रहा.
कई दिनों तालिबानियों की AK-47 यूं ही गरजती रहीं. हजारों लोगों को चुन-चुनकर मारा गया.
नरसंहार कांड को अंजाम देने के बाद उसने बर्बरता भी की गई.
लाशों को दफ्न नहीं करने दिया. यूं ही मजार-ए-शरीफ में सैकड़ों लाशें सड़ती रहीं.
आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि तालिबान की हत्यारी ब्रिगेड ने मजार-ए-शरीफ में रहने वाले सिर्फ एक समुदाय को निशाना बनाया और वो था Hazara Muslims.
जिसे तालिबान अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है, जिसका वजूद अफगानिस्तान से मिटाने के लिए आमादा रहता है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक 1 जुलाई से 5 अगस्त के बीच तालिबान ने गजनी प्रांत के मलिस्तान जिले के विभिन्न गांवों में कम से कम 51 हजारा नागरिकों को मार डाला है.
जब तक अफगानिस्तान में तालिबान का राज रहा, तब तक हजारा समुदाय खौफ में जीने को मजबूर रहा.
अब 23 साल बाद एक बार फिर अफगानिस्तान में तालिबान हुकूमत लौट आई है
और इसके साथ ही हजारा समुदाय के लोग दहशत में हैं.
उन्हें डर सता रहा है कि फिर से तालिबान अपने खूनी इतिहास को दोहराएंगा.
फिर से कत्लेआम मचाएगा, लेकिन हजारा समुदाय को डर सिर्फ अपनी जान का ही नहीं बल्कि बेटियों की अस्मत का भी है.
जी हां, इस बार तालिबान के खूंखार हत्यारों के टारगेट पर हजारा समुदाय की महिलाएं और लड़कियां हैं.
अफगान पर कब्जे के साथ ही तालिबानी आतंकी हजारा समुदाय की लड़कियों से जबरन शादी कर रहे हैं. उन्हें अगवा कर रहे हैं.
Hazara Muslims की महिलाओं और लड़कियों के साथ ज्य़ादती करता रहा है तालिबान .
अब भी ऐसा होने की आशंका है.
लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर तालिबान हजारा समुदाय को दुश्मन क्यों मानता,
क्यों हजारा समुदाय को खत्म करने पर तुला है तालिबानी.
बस इसी वजह के चलते तालिबानी हजारा समुदाय के लोगों का कत्लेआम करते हैं.
इस समुदाय की महिलाओं और लड़कियों से जबरन शादी करते हैं. उनके साथ ज्यादती करते हैं.
लिहाजा तालिबान के इस क्रूरता से अपनी लड़कियों को बचाने के लिए हजारा समुदाय के लोग,
इन्हें काबुल भेज रहे हैं ताकि हजारा समुदाय की महिलाएं अफगानिस्तान छोड़ सके.
[…] […]