मुंबई: Union Minister Narayan Rane को महाराष्ट्र के Chief Minister Uddhav Thackeray के खिलाफ थप्पड़ मारने संबंधी बयान को लेकर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
Union Minister Narayan Rane ने जुलाई माह में ही नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के मंत्री के रूप में पद संभाला है.
पुलिस की टीम मंत्री को गिरफ्तार करने के लिए संगमेश्वर गई थी, राणे 20 साल में ऐसे पहले केंद्रीय मंत्री है,
जिन्हें गिरफ्तार किया गया है.
राणे की गिरफ्तारी की आशंका उस समय बढ़ गई थी,
जब गिरफ्तारी से संरक्षण संबंधी उनकी ओर से दाखिल की गई.
याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था.
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गिरफ्तारी से पूर्व जमानत की अर्जी नामंजूर हो गई. रत्नागिरि कोर्ट ने जमानत अर्जी ठुकरा दी .
इससे पहले रत्नागिरि पुलिस अधीक्षक नारायण राणे से मिलने पहुंचे.
कागजी कार्रवाई की और नारायण राणे को गिरफ्तार कर लिया. नारायण राणे को अब रत्नागिरि कोर्ट में पेश किया जाएगा.
नाराायण राणे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर दर्ज FIR को चुनौती देते हुए,
मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध किया था,
लेकिन उन्होंने कोर्ट ने याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया.
अधिवक्ता अनिकेत निकम के माध्यम से दाखिल राणे की याचिका में,
प्राथमिकी रद्द करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया है.
न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनजे जमादार की पीठ के समक्ष दाखिल याचिका में मंगलवार को ही तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी.
हालांकि, पीठ ने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया
और कहा कि (याचिका का) उल्लेख करने की अनुमति नहीं है.
पीठ ने कहा था कि वकील को प्रक्रिया का पालन करना होगा.
लेकिन इसी बीच नारायण राणे की तबीयत खराब हो गई. उन्हें लेकर पुलिस अस्पताल ले गई.
हिरासत में लेने से पहले डॉक्टरों ने उनकी मेडिकल जांच की तो बीपी और शुगर बढ़ा हुआ पाया गया.
पुलिस नारायण राणे को लेकर नासिक की ओर चली गई.
रत्नागिरि के एसपी ने मंत्री अनिल परब को फोन कर उनसे पूछा कि नारायण राणे पूछ रहे हैं कि अरेस्ट वारंट कहां है?
अनिल परब ने जवाब में कहा कि ‘मैंने डीजीपी से बात की है.
अरेस्ट करने के लिए कौन सा ऑर्डर लेने की जरूरत होती है?’
Union Minister Narayan Rane ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं.
इसी संदर्भ में उन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादित बयान दिया था.
राणे के सहयोगी प्रमोद जाठार ने इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलिस के पास अरेस्ट वारंट भी नहीं है. और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को गिरफ्तार करने पहुंच गई है.
एसपी बार-बार बोल रहे हैं कि मुझे पांच मिनट में अरेस्ट करने को कहा है.
मेरे ऊपर बहुत दबाव है. मैंने उनसे बार-बार पूछा कि कौन सा दबाव है, यह तो बताओ.
राणे के सहयोगी का कहना है कि उन्होंने एसपी से कहा कि नारायण राणे एक केंद्रीय मंत्री हैं.
इसका एक प्रोटोकॉल होता है. हमने हाईकोर्ट में अपील की है.
वहां एंटिसिपेटरी बेल के लिए अपील की है.
हमें अरेस्ट वारंट दिखाइए नारायण राणे खुद जाकर गाड़ी में बैठ जाएंगे.
महाराष्ट्र में कानून का राज है या गुंडाराज?
नरेंद्र मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कहा था,
‘‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हुए हैं.
भाषण के दौरान वह पीछे मुड़कर इस बारे में पूछताछ करते नजर आए थे.
अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता.
” खास बात यह है कि राणे खुद एक समय शिवसेना में रह चुके हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके राणे पहले शिवसेना में थे,
वे कांग्रेस में आ गये और फिर, 2019 में वह बीजेपी में शामिल हो गए थे.