नई दिल्ली: 135 साल पुरानी Congress पार्टी को 2 साल से कोई अध्यक्ष नहीं मिल सका है.
पिछले 2 साल से सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं.
राहुल गांधी के 2 साल के कार्यकाल को हटा दिया जाए तो सोनिया गांधी 1998 से लगातार पार्टी की अध्यक्ष बनी हुई हैं.
प्रियंका गांधी वाड्रा पिछले कुछ सालों से पार्टी के लिए काम कर रही हैं.
इस सबके बीच हालिया सालों में कांग्रेस की अंदरूनी कलह लगातार सामने आ रही है.
कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब से लेकर छत्तीसगढ़ तक.
इसे लेकर इकॉनोमिक टाइम्स ने विस्तार से एक रिपोर्ट की है.
आइए जानते हैं केरल से लेकर कश्मीर घाटी तक कांग्रेस में चल क्या रहा है.
उत्तर प्रदेश
प्रशांत किशोर के साथ 2017 विधानसभा और संदीप सिंह के साथ 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी.
और प्रियंका वाड्रा के नेतृत्व में लड़ाई हारने के बाद अभी भी Congress का उत्तर प्रदेश में उद्धार नहीं दिख रहा.
कई पुराने और पारंपरिक कांग्रेस नेता बर्खास्त हैं। जितिन प्रसाद ने कांग्रेस को छोड़ अब बीजेपी के साथ हैं.
केरल में Congress
जब से Rahul Gandhi परिवार ने केसी वेणुगोपाल के किनारे कर ओमन चांडी.
और रमेश चेन्नीथला को तरजीह दी है.
तब से के सुधाकरण और वीडी सतीसन गुट आपस में लड़ने में लगे हुए हैं.
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन का एक कारण यह भी रहा.
कर्नाटक
यहां सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की लड़ाई जगजाहिर है.
और इस लड़ाई का खामियाजा Congress को भुगतना पड़ रहा है.
बीजेपी द्वारा येदियुरप्पा को सीएम पद से हटाने के बाद कांग्रेस बीजेपी पर निशाने लगाने के लिए सही तीर की तलाश में है.
सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार खुद को मुख्यमंत्री बनते हुए देखने की लड़ाई लड़ते हुए कांग्रेस का नुकसान करवा रहे हैं.
महाराष्ट्र में Congress
जब से राहुल गांधी ने बीजेपी से कांग्रेस में आए नाना पटोले को प्रदेश प्रमुख बनाया है.
तब से कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई में सब ठीक नहीं चल रहा है.
नाना पटोले पर पुराने कांग्रेसी आरोप लगा रहे हैं.
कि वह हमें छोड़कर नए लोगों के साथ काम कर रहे हैं.
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितिन राउत और नाना पटोले के संबंध भी ठीक नहीं हैं.
माने महाराष्ट्र में भी कांग्रेस दो फाड़ में नज़र आती है.
मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी में अंतर्कलह में संजय निरुपम का नाम सामने आता रहा है.
पहले संजय निरुपम और गुरुदास कामथ के बीच लड़ाई थी.
इस लड़ाई का असर सूरज ठाकुर और बही जगतप के बीच भी दिखता है.
गोवा
यहां कांग्रेस के करीब 6 नेता पूर्व सीएम और प्रदेश प्रमुख हैं.
ऐसे में सभी लोगों को साथ चलने में पार्टी को दिक्कत आ रही है.
हाल ही गोवा कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी से मिलकर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग की है.
गुजरात
2017 विधानसभा चुनाव में प्रभावशाली प्रदर्शन करने के बाद Rahul Gandhi ने अपने तरीके से एक टीम बनाई.
इससे हुआ ये कि अहमद पटेल समर्थक कार्यकर्त्ता दूर होते चले गए.
इसके बाद हुआ ये कि लोकसभा चुनाव 2019 में गुजरात में कांग्रेस का खाता तक न खुला.
स्थानीय निकाय चुनावों में भी कांग्रेस का बुरा हाल रहा.
प्रदेश में नेतृत्व करने वाले नेताओं की कमी दिखती है.
इस सबके बीच आंतरिक लड़ाई जारी है और कई लोग विपक्षी पार्टियों के साथ हो रहे.
राजस्थान में Congress
सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच रार जारी है और इसका अंत नज़दीक नहीं दिखता है.
अजय माकन के जयपुर दौरे के बाद कैबिनेट में बदलाव की खबरें आईं लेकिन इस पर तुरंत में कुछ होता नहीं दिख रहा है.
पंजाब
राजनीतिक विश्लेषक पंजाब का उदाहरण देते हुए बताते हैं.
कि किसी राजनीतिक पार्टी को पंजाब जैसे हालत से बचना चाहिए
और अगर ऐसे हालात बन जाएं तो जल्द से जल्द उसे सुलझा लिया जाना चाहिए.
पंजाब में कांग्रेस की सरकार है और अगले छह महीने में चुनाव होने को हैं।
ऐसे हालात में Congress को पंजाब में अमरिंदर सिंह.
और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लड़ाई को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए.
हरियाणा
यहां पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुडा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कुमारी शैलजा के बीच लड़ाई जारी है.
यहां दोनों धड़े के लोग कई बार कांग्रेस के राज्य प्रभारी के साथ ही कांग्रेस के संगठन महासचिव के पास शिकायत कर चुके हैं.
रिपोर्ट्स बताती हैं कि हुडा चाहते है.
कि उनके बेटे को प्रदेश प्रमुख बनाया जाए.
यह बात शैलजा समर्थकों को नागवार गुजर रही है.