नई दिल्ली: कैबिनेट ने टेक्सटाइल सेक्टर के लिए PLI स्कीम को मंजूरी दे दी है.
यह स्कीम मानव निर्मित फाइबर सेगमेंट और टेक्निकल टेक्सटाइल के लिए है.
मैनमेड फाइबर अपेरल के लिए 7,000 करोड़ रुपए आवंटित किया गया है
और करीब 4,000 करोड़ रुपए टेक्निकल टेक्सटाइल के लिए आवंटित गया है.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया
कि इस फैसले से 7 लाख लोगों के लिए नौकरी के अवसर बनेंगे. साथ ही निर्यात में भी तेजी आएगी.
भारत के कपड़ा निर्यात में मैन मेड फाइबर यानी MMF का योगदान महज 20 फीसदी है.
PLI :टेक्सटाइल कंपनियां साल-दर-साल अपना उत्पादन में जितना बढ़ोतरी करेंगी, उस बढ़ोतरी के आधार पर सरकार इनको इंसेंटिव देगी.
भारत के कपड़ा उद्योग की बात करें तो वर्तमान में कॉटन का योगदान 80 फीसदी और MMF का योगदान महज 20 फीसदी है.
दुनिया के अन्य देश इस मामले में हमसे काफी आगे हैं. ऐसे में इस सेगमेंट और सेक्टर को प्रमोट करने की जरूरत है. पीएलआई स्कीम एक मजबूत कदम होगा.
केंद्र सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए PLI स्कीम की शुरुआत की है.
इसके जरिए कंपनियों को भारत में अपनी यूनिट लगाने और एक्सपोर्ट करने पर विशेष रियायत के साथ-साथ वित्तीय सहायता भी दी जाती है.
पीएलआई स्कीम की मदद से ग्लोबल इन्वेस्टर्स को आकर्षित किया जा रहा है. इससे रोजगार के अवसर पैदा हो रहे है.