नई दिल्ली:’Eye in the Sky’ भारतीय वायुसेना को मिलेंगे 6 विमान मिलेंगे. इसके लिए केंद्र ने 11000 करोड़ के बड़े सुरक्षा सौदे को मंजूरी दे दी है.
इसके तहत 6 नए एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल विमान तैयार किए जाएंगे.
‘Eye in the Sky’ भारतीय वायुसेना अत्याधुनिक तकनीक से लैस इस सिस्टम को अपने बेड़े में शामिल करने को तैयार है.
इस सौदे को सुरक्षा कैबिनेट कमेटी ने बुधवार को हरी झंडी दे दी है.
इन्हें आकाश में भारत की आंख के तौर पर देखा जा रहा है.
पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में बीते साल चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के जवानों से भारतीय जवानों की हिंसक झड़प के बाद,
Modi Government ड्रैगन की किसी भी फुफकार से निपटने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों को लगातार उन्नत बनाने की योजना पर काम कर रही है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने गुरुवार
को Indian Air Force को 70 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम मीडियम रेंज सरफेस-टु-एयर मिसाइल सिस्टम प्रदान किया.
इसके साथ ही रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने वायुसेना के लिए,
आधा दर्जन एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) एयरक्राफ्ट परियोजना को भी मंजूरी दे दी है.
यह सिस्टम धरती पर स्थित रडार के सापेक्ष दुश्मन की क्रूज मिसाइलों.
ड्रोन समेत लड़ाकू विमानों का कहीं अधिक तेजी से पता लगाने में सक्षम है.
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डीआरडीओ द्वारा बनाए जा रहे इस रडार को एयर इंडिया के ए-321 में फिट किया जाएगा.
डीआरडीओ द्वारा बनाया जाने वाला ये रडार मौजूदा AESA रडार का आधुनिक संस्करण होगा,
जो आईएएफ द्वारा पहले से तैनात दो नेत्रा हवाई चेतावनी विमानों में स्थापित किया गया है.
भारतीय वायु सेना रूस से खरीदे गए 3 बड़े A -50 EI विमानों को भी संचालित करती है,
जो इज़राइली EL/W -2090 ‘फाल्कन’ रडार सिस्टम से सुसज्जित है.
A-321 विमान में लगाने के लिए जो अत्याधुनिक रडार भारतीय वायुसेना को दिए जाएंगे,
ये विमान के चारों और सैंकड़ों किलोमीटर के हवाई क्षेत्र में 360 डिग्री कवरेज सुनिश्चित करेंगे.
ये रडार आईएएफ के मौजूदा नेत्र जेट की क्षमता से अधिक शक्तिशाली होंगे.