गृहमंत्री अमित शाह से Punjab CM चरणजीत सिंह चन्‍नी की मुलाकात

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Punjab CM

नई दिल्ली: पंजाब के Punjab CM चरणजीत सिंह चन्नी मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के लिए उनके आवास पहुंचे.

मुख्‍यमंत्री चन्‍नी इस दौरान लखीमपुर खीरी मामला समेत कई मुद्दों पर गृह मंत्री से चर्चा करेंगे.

दिल्‍ली पहुंचने से पहले सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने लखीमपुर की घटना को सीधे तौर पर जलियांवाला बाग हत्याकांड के समान बताया था.

उन्होंने ये भी कहा था कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही जल्द से जल्द होनी चाहिए.

उन्होंने कहा था कि वो लखीमपुर हिंसा मामले (Lakhimpur Violence) को केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष उठाएंगे.

वहीं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) जिले में हुए बवाल में

मारे गए 4 किसानों में से 2 किसानों के परिवार वालों ने दाह संस्कार (Cremation) करने से इनकार कर दिया है.

इस दौरान परिवार वाले पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात पर अड़े हुए हैं.

वहीं, परिवार वालों का आरोप है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ‘खेल’ हो सकता है.

इस मामले की सूचना मिलते ही लखनऊ रेंज की IG लक्ष्मी सिंह धौरहरा के किसान नक्षत्र सिंह के गांव पहुंचीं

और उनके परिवार वालों को अंतिम संस्कार के लिए राजी करने की कोशिश में जुटी हुई हैं.

दरअसल, लखीमपुर खीरी जिले में बीते दिन हुए हिंसक बवाल में कई लोगों की जान चली गई थी,

जिसके चलते पलिया के लवप्रीत सिंह

और धौरहरा में किसान नक्षत्र सिंह का मंगलवार सुबह यानि कि आज अंतिम संस्कार होना था.

जिसके चलते परिवार वालों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. वहीं, परिवार वालों का कहना है

कि अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों नहीं दी गई.

इस मामले को बढ़ता देख जिलेभर के स्थानीय नेता भी गांव पहुंच गए हैं.

Punjab CM : किसानों से इन 4 शर्तों पर बनी थी सहमति

गौरतलब है कि इससे पहले कल मृतकों के परिवार वालों को 45-45 लाख रुपए मुआवजा

और परिवार के एक-एक सदस्य को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी.

साथ ही घायलों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए.

इसके अलावा पूरे मामले की जांच हाई कोर्ट के रिटायर जज से कराने की सहमति के बाद परिवार वाले अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हुए थे.

वहीं, बवाल भड़कने के बाद भड़के लोगों ने 4 शवों को बीते रविवार तिकुनिया गांव के बाहर सड़क पर रख दीं थी.

वहीं, नाराज ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासन को दो टूक जवाब दे दिया था

कि जब तक उनकी मांग नहीं पूरी होती,

तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.

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