बीजेपी समर्थित नितिन अग्रवाल ने Uttar Pradesh Assembly उपाध्यक्ष पद के लिए दाखिल किया नामांकन

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Uttar Pradesh Assembly

लखनऊ: Uttar Pradesh Assembly उपाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र सिंह वर्मा और बीजेपी समर्थित उम्मीदवार, नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल ने नामांकन दाखिल किया है.

राज्य विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने बताया कि मतदान सोमवार को होगा.

Uttar Pradesh Assembly का कार्यकाल समाप्त होने में अब छह महीने से भी कम समय बचा है,बावजूद इसके यूपी विधान सभा का कल विशेष सत्र बुलाया गया है ताकि सदन नए डिप्टी स्पीकर का चुनाव कर सके.

यूपी में विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव 14 वर्षों बाद हो रहा है.

भाजपा के राजेश अग्रवाल को इस पद के लिए जुलाई 2004 में निर्विरोध चुना गया था

और उनका कार्यकाल मई 2007 तक था.

इसके बाद, विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ था.

परंपरागत तौर पर मुख्य विपक्षी दल के विधायक को ही विधान सभा उपाध्यक्ष बनाया जाता रहा है,

लेकिन भाजपा ने सपा के बागी विधायक Nitin Agrawal को समर्थन दिया है.

Uttar Pradesh Assembly: नितिन अग्रवाल के पिता एवं पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे.

दोनों उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र रविवार को विधान भवन में दाखिल किया.

नितिन अग्रवाल द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के अलावा नरेश अग्रवाल भी मौजूद थे.

Nitin Agrawal ने बताया कि मैंने चार सेट नामांकन पत्र दाखिल किया है

और जिन लोगों ने मेरा नाम प्रस्तावित किया है.

उनमें राकेश सिंह (हरचंदपुर से कांग्रेस विधायक), अनिल सिंह (पुरवा से बहुजन समाज पार्टी विधायक), संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना,

श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, राज्‍य मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार, और विधायक राजपाल वर्मा शामिल हैं.

वहीं, नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद सपा के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र सिंह वर्मा ने पत्रकारों से कहा,

मैं सपा का उम्मीदवार हूं.

परंपरा के अनुसार विधानसभा उपाध्यक्ष का पद मुख्य विपक्षी दल को मिलता है, इसलिए यह हमे मिलना चाहिए.

नितिन अग्रवाल के संबंध में उन्होंने कहा कि वह हमारे छोटे भाई हैं,

वह सपा के टिकट पर चुनाव जीते

और चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सपा के खिलाफ काम करना शुरू कर दिया.

वर्मा ने आरोप लगाया कि परंपरा के अनुसार यह पद विपक्ष को मिलना चाहिए,

लेकिन भाजपा संसदीय परंपराओं को तोड़ रही है. हमें सत्तारूढ़ दल से कोई उम्मीद नहीं है.

वर्मा के नामांकन दाखिल करने के समय नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी भी मौजूद थे.

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