Haj subsidy के रूप में 700 करोड़ रुपए खर्च करती थी केंद्र सरकार
नई दिल्ली:LNN: Haj subsidy पर एक बड़ा फैसला करते हुये केंद्र सरकार ने हज यात्रा पर मिलने वाली Haj subsidy को खत्म कर दिया.
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए इस बात की जानकारी दी है.
इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने मेहरम को खत्म करने का ऐलान किया था.
खबरों के मुताबिक सरकार हर साल Haj subsidy के रूप में 700 करोड़ रुपए खर्च करती थी.
मेहरम को खत्म करने का ऐलान कर चुकी है मोदी सरकार
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यानी इस साल करीब 1.75 लाख मुस्लिम जायरीन बिना सब्सिडी के हज जाएंगे.
विदित हो कि साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था.
कोर्ट ने सरकार से कहा था कि हज सब्सिडी को साल 2022 तक पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री नकवी ने बताया कि हज सब्सिडी का पैसा मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च किया जाएगा.
सब्सिडी से मुलसमानों का फायदा नहीं होता था, बल्कि इसका फायदा कुछ संस्थाओं को होता था.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले नई हज नीति का मसौदा तैयार करने वाली समिति के प्रमुख अफजल अमानुल्ला ने 45 साल से कम उम्र की महिलाओं को भी ‘मेहरम’ के बिना हज पर जाने की अनुमति देने का सुझाव दिया था.
कमेटी ने यह भी सुझाव दिया था कि-हज यात्रियों के 21 इंबार्केशन प्वाइंट को घटाकर नौ किया जाए.
ये प्वाइंट दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु और कोच्चि में होने चाहिए.
सरकार ने 45 साल और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को ‘मेहरम’ के बिना हज पर जाने की इजाजत दी थी.
अफजल कहा कि सऊदी अरब सरकार की तरफ से अतीत में ‘मेहरम’ वाली कोई रोक नहीं थी
यह शर्त भारतीय पक्ष की तरफ से थी.
गौरतलब है कि पूर्व आईएएस अधिकारी अमानुल्ला उस समिति के संयोजक थे जिसने नई हज नीति-2018 की सिफारिश की.