Human Rights Watch Report : अल्पसंख्यकों पर हमला रोकने में असफल रही केन्द्र सरकार
नई दिल्ली:LNN: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिये Human Rights Watch Report परेशानी करने वाली है.
लंदन में अंतर्राष्ट्रीय संस्था Human Rights Watch Report ने मानवाधिकारों पर वर्ल्ड रिपोर्ट 2018 जारी किया है.
रिपोर्ट में मोदी सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने में असफलता पर टिप्पणी है.
Human Rights Watch Report का ये आरोप है कि ‘सत्तारूढ़ बीजेपी के कई नेताओं ने सभी भारतीयों के बुनियादी अधिकारों की क़ीमत पर हिंदू श्रेष्ठता और कट्टर राष्ट्रवाद को बढ़ावा’ दिया है.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि नरेंद्र मोदी सरकार देश में अल्पसंख्यकों पर हमलों को रोकने में असफल रही है.
ह्यूमन राइट्स वॉच ने 90 से ज़्यादा देशों में मानवाधिकारों की स्थिति का जायजा लिया है.
क़ानून व्यवस्था लागू करने के नाम पर भारत में इंटरनेट सेवाएं बंद करने का चलन का मुद्दा भी उठाया है.
रिपोर्ट में कहा गया भारत में साल 2017 में धार्मिक अल्पसंख्यकों, समाज में हाशिए पर चल रहे समुदायों को निशाना बनाया गया.
सरकार की आलोचना करने वालों को बीजेपी समर्थित लोगों और समूह द्वारा बार-बार निशाना बनाया गया.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार ऐसे हमलों और धमकी की निष्पक्ष जांच कराने में भी नाकाम रही है.
कई सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, शिक्षाविदों को अपने खुले विचार रखने पर भी निशाना बनाया गया है.
विदेशी चंदा से जुड़े नियमों को उन एनजीओ के खिलाफ इस्तेमाल किया गया है,
जो सरकार के कामकाज और नीतियों की आलोचना करते रहे हैं.
रिपोर्ट में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का भी उल्लेख है
रिपोर्ट में कहा गया है, “अल्पसंख्यक समुदाय के लोग बीफ़ के लिए गाय खरीदते-बेचते हैं या फिर उन्हें मारते हैं.
इन अफ़वाहों पर बीजेपी से जुड़े होने का दावा करने वाले कट्टरपंथी हिंदू समूहों ने मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले किए.
रिपोर्ट में कहा गया है, “अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार को संविधान के तहत मौलिक अधिकारों का दर्जा दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,
क़ानून के शासन और सत्ता के दबंग बर्ताव के ख़िलाफ़ गारंटी पर जोर दिया था.
इसके बावजूद सरकारी नीतियों की आलोचना करने वाले लोगों के ख़िलाफ़ मुकदमे दर्ज किए गए.
पत्रकारों के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि और राजद्रोह के मुकदमे दर्ज किए गए.
जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, समेत कई राज्यों में सुरक्षाबलों द्वारा अत्याचार के आरोप लगाए गए हैं.
गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद पंचकुला, पंजाब और हरियाणा में हुई हिंसा का जिक्र किया गया है.
ह्यूमन राइट वॉच रिपोर्ट 2018 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का भी उल्लेख किया गया है.
आरएसएस ने गौ तस्करी और लव जेहाद का मुद्दा न सिर्फ गरमाया बल्कि इसे रोकने के लिए धार्मिक सैनिकों की भर्ती की घोषणा की.