नई दिल्ली: President Ramnath Kovind ने 73वें गणतंत्र दिवस (Republic Day) की पूर्व संध्या को मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन दिया.
President Ramnath Kovind ने कहा कि गणतंत्र दिवस का यह अवसर उन वीर महानायकों को याद करने का भी है, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया.
दो दिन पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की डिजिटल प्रतिमा का अनावरण भी किया गया.
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे संविधान का स्वरूप विस्तृत है,
लेकिन इसकी प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समानता जैसी बुनियादी बातें लिखी हुई हैं.
मूल अधिकार औऱ मूल कर्तव्यों को भी संविधान में महत्वपूर्ण ढंग से उल्लेखित किया गया है.
ये दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू हैं. राष्ट्रपति ने कहा,
आज नया भारत उभर रहा है-यह सशक्त भारत-संवेदनशील भारत है.
स्वच्छता अभियान से लेकर कोरोना टीकाकरण तक जन अभियान की सफलता
इसी बात का परिचायक है कि देशवासी किस कर्तव्यनिष्ठा से देश सेवा में जुटे हैं.
26 नवंबर 1949 को संविधान दिवस मनाया जाता है.
सन 1930 से 1947 तक हर वर्ष को पूर्ण स्वराज दिवस के तौर पर मनाया जाता है और
उसी दिन को संविधान को पूरी तरह अंगीकार करने के तौर पर मनाया गया.
महात्मा गांधी ने कहा था कि गणतंत्र दिवस के दिन को किसी रचनात्मक कार्य में लगाना चाहिए.
गांधी जी चाहते थे कि हम सब आत्मनिरीक्षण करें
और देश के साथ विश्व की बेहतरी के लिए काम करें.
अब दो साल से अधिक समय बीत गया है, लेकिन मानवता का महामारी के खिलाफ संघर्ष जारी है.
President Ramnath Kovind ने कहा, ”जन-संसाधन से लाभ उठाने यानि डेमोग्राफिक डिविडेंड प्राप्त करने के लिए,
हमारे पारंपरिक जीवन-मूल्यों एवं आधुनिक कौशल के आदर्श संगम से युक्त राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिये
सरकार ने समुचित वातावरण उपलब्ध कराया है.”
President Ramnath Kovind ने कहा, ”मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि विश्व में सबसे ऊपर की 50 ‘इनोवेटिव इकॉनोमीज़’ में भारत अपना स्थान बना चुका है.
यह उपलब्धि और भी संतोषजनक है कि हम व्यापक समावेश पर जोर देने के साथ-साथ योग्यता को बढ़ावा देने में सक्षम हैं.”
पूरे देश की अर्थव्यवस्था को आघात पहुंचा है, नित नए रूपों में ये वायरस संकट पैदा कर रहा है.
यह एक असाधारण चुनौती बना हुआ है. हमारे देश में जनसंख्या का घनत्व ज्यादा है
और हमारे पास शुरुआत में पर्याप्त संसाधन नहीं थे, लेकिन ऐसे समय में किसी देश की क्षमता निखरती है.
हमने कोरोनावायरस से लड़ने की दिशा में असाधारण प्रदर्शन किया है.
हम अब दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहे हैं.
प्रेसिडेंट ने कहा, संकट की इस घड़ी में हम सभी ने ये देखा है कि कैसे हम सभी देशवासी एक परिवार की तरह आपस में जुड़े हुए हैं.
सोशल डिस्टेंसिंग के कठिन दौर में हम सबने एक-दूसरे के साथ निकटता का अनुभव किया है.
हमने महसूस किया है कि हम एक-दूसरे पर कितना निर्भर करते हैं.
राष्ट्रपति ने कहा कि आज के वक्त में डॉक्टर, सैनिक या अन्य क्षेत्रो में जिम्मेदारी बखूबी निभाना ही देश की सच्ची सेवा है.
उन्होंने देश-विदेश में ऊंचा मुकाम हासिल करने वाले भारतीयों से भी राष्ट्र सेवा में ज्यादा बेहतर योगदान का आह्वान किया.