नई दिल्ली:Theatre Command नरेंद्र मोदी सरकार ने दिवंगत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत को पद्म विभूषण से सम्मानित करके बेहतरीन कदम उठाया है.
अब सबका ध्यान जनरल रावत के उस मिशन पर है, जिसका उन्होंने बहुत समय पहले सपना देखा था.
Theatre Command:ऐसा नहीं है कि जनरल रावत के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बाद केंद्र सरकार ने ‘थिएटर कमांड’ को ठंडे बस्ते में डाल दिया है.
राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों ने संरचनात्मक या परिचालन मुद्दों को सुलझाने के लिए
तीन प्रमुखों के साथ अनौपचारिक और औपचारिक बैठकें की हैं.
सरकार बेशक अभी मिलिट्री ‘थिएटर कमांड’ के बारे में चुप्पी साधे हुए है,
लेकिन यह बिल्कुल स्पष्ट है कि आखिरी घोषणा में तीनों सेनाओं में से प्रत्येक युद्ध की स्थिति में
भारत के जवाबी कार्रवाई का नेतृत्व करेंगी और अन्य दो इसका समर्थन करेंगे.
जहां भारतीय सेना 15106.7 किमी भारतीय भूमि सीमाओं की रक्षा करेगी,
वहीं नौसेना 7516.6 किमी समुद्र तट की रक्षा करेगी और वायु सेना आसमान की रक्षा करेगी
और उत्तर या पश्चिम से किसी भी घुसपैठ से देश को बचाएगी.
यह निश्चित है कि मिलिट्री थिएटर कमांड में तीनों सेनाओं की एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी,
और किसी की भी शक्तियों को सहायक के रूप में कम नहीं किया जाएगा,
जैसा कि भारतीय वायु सेना को अतीत में डर था.
मिलिट्री थिएटर कमांड का मूल उद्देश्य तीनों सेनाओं को एक साथ लाना और उनका कौशल बढ़ाना है.
थिएटर कमांड बनाने का सपना देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ रहे जनरल बिपिन रावत का था.
31 दिसंबर, 2019 को जब उन्होंने देश के पहले पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद संभाला,
तो उनका सबसे बड़ा काम तीनों सेनाओं में तालमेल बिठाने का था.
इसके साथ ही तीन साल के भीतर उन्हें सेनाओं का पुनर्गठन कर ‘थिएटर कमांड’ बनाने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी.
Theatre Command का मकसद भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं को एक छत के नीचे लाना है.
चार नए थिएटर कमांड बनाने पर बिपिन रावत काम कर कर रहे थे.
रावत जिस थिएटर प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे,
वो प्रोजेक्ट चीन और पाकिस्तान से आने वाले खतरों से निपटने में अहम रोल अदा करेगा.
गौरतलब है कि तीनों सेनाओं द्वारा थिएटर कमांड बनाने की स्टडी पूरी करने के लिए अप्रैल तक का समय दिया गया है.