Davos में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ले रहे भाग
नई दिल्ली:LNN: स्विट्ज़रलैंड के Davos में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया.
2018 के पहले विदेश दोरे की शुरूआत Davos में प्रधानमंत्री ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम की 48वीं सालाना बैठक से की.
1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम में भाग लेने के दो दशक के बाद,
कोई भारतीय प्रधानमंत्री 2018 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम में भाग ले रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम की बैठक में कहा कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम को वैश्विक मंच बनाना बड़ा कदम रहा.
गरीबी, अलगाववाद, बेरोजगारी की दरार को हमें दूर करना होगा.
मौजूदा वक्त में दुनिया के सामने तीन सबसे बड़ी चुनौतियां हैं.
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मुझे आशा है इस फोरम में आतंकवाद जैसी गंभीर चुनौती पर सभी वक्ता बोलेंगे.
मानव सभ्यता के लिए जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ा ख़तरा है.मौसम का मिजाज बिगड़ रहा है,
कई द्वीप डूब गए हैं या फिर डूबने की कगार पर हैं. प्रकृति को बचना भारत की संस्कृति का हिस्सा रहा है.
दुनिया के सामने दूसरी बड़ी चुनौती है आतंकवाद : पीएम मोदी
दुनिया के सामने दूसरी बड़ी चुनौती है आतंकवाद.
विश्व की बड़ी शक्तियों के बीच सहयोग होना चाहिए. साझा चुनौतियों के मुक़ाबले के लिए साथ आना होगा.
आतंकवाद ख़तरनाक है पर उससे भी ज़्यादा अच्छा आतंकवाद और बुरा आतंकवाद के बीच कृत्रिम भेद ख़तरनाक करना है.
तीसरी बड़ी चुनौती है कि आज हर देश सिर्फ़ अपने बारे में सोच रहा है.
दुनिया के देशों के बीच कारोबार घट रहा है.ग्लोबलाइजेशन की चमक धीमी पड़ी है. व्यापार समझौतों की रफ्तार कम हुई है .
भारत के इतिहास में पहली बार मतदाताओं ने किसी एक पार्टी पर इतना विश्वास जताकर पूर्ण बहुमत दिया.
आज भारत में निवेश करना और यात्रा करना सभी कुछ पहले की तुलना में बहुत आसान हो गया है.
भारत में तीन साल के भीतर 1400 से अधिक क़ानून खत्म किए गए.
एकीकृत कर व्यवस्था जीएसटी के रूप में लागू की गई. पारदर्शिता बढ़ाने के लिए तकनीकी का अधिकतम इस्तेमाल किया जा रहा है.
हमारी सरकार ने करोड़ों लोगों के लिए पहली बार बैंक अकाउंट खोलने का काम किया.
हम विकास की दौड़ में प्रकृति का शोषण कर रहे हैं. हमें चिंतन करना चाहिए कि हम विकास नहीं विनाश कर रहे हैं.
हमें वातावरण को बचाने और मौसम में बदलाव के लिए आगे आना होगा.
मैं पूरी जिम्मेदारी से कहना चाहता हूं कि, जोड़ने, मोड़ने और तोड़ने का काम आज सोशल मीडिया कर रहा है.
पीएम मोदी का भाषण सुनने फिल्म अभिनेता शाहरुख खान दावोस गये है.