The Kashmir Files महाराष्ट्र में द कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री करने की बीजेपी की मांग पर राजनीति गरमा गई है. मंगलवार को बीजेपी के 92 विधायकों ने हस्ताक्षर कर के एक पत्र सीएम उद्धव ठाकरे को भेजा था.
इस पत्र में द कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री करने की मांग की गई थी.
The Kashmir Files:महाराष्ट्र विधानसभा में उप मुखयमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने द कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री मांग को ठुकरा दिया.
अजित पवार ने कहा कि इतनी अच्छी पिक्चर है तो महाराष्ट्र में ही टैक्स फ्री क्यों होनी चाहिए.
यह पिक्चर तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक टैक्स फ्री होनी चाहिए.
केंद्र की मोदी सरकार (PM Modi Government of BJP) चाहे तो ऐसा कर सकती है.
अजित पवार ने आगे कहा कि जो जीएसटी (GST) के द्वारा टैक्स कलेक्शन किया जाता है.
उसका एक हिस्सा एसजीएसटी (SGST) के तौर पर राज्य सरकार के हिस्से आता है
और दूसरा हिस्सा सीजीएसटी (CGST) के तौर पर केंद्र सरकार को जाता है.
अगर केंद्र की मोदी सरकार चाहे तो सीजीएसटी में छूट देकर ‘द कश्मीर फाइल्स’ को देश भर में टैक्स फ्री कर सकती है.
विधानसभा में विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर कहा कि महा विकास आघाडी सरकार कांग्रेस के दबाव में काम कर रही है, इसलिए द कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री नहीं कर रही है.
बालासाहेब ठाकरे की भूमिका और उद्धव ठाकरे के व्यवहार में काफी फर्क है.
The Kashmir Files: अगर देश की सच्चाई सामने आ रही है तो इन्हें मिर्ची क्यों लग रही है? दरअसल ठाकरे सरकार कांग्रेस के दबाव में काम कर रही है.
इससे पहले बुधवार की सुबह दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए संजय राउत ने कहा, ‘द कश्मीर फाइल्स फिल्म पर कोई विवाद नहीं है.
लेकिन लोगों को बुला-बुला कर थिएटर्स में जिस तरह बीजेपी द्वारा फिल्म दिखाया जा रहा है,
खुद पीएम मोदी इसके प्रचारक बन बैठे हैं, इस राजनीतिक एजेंडे पर एतराज है.
जिस वक्त बाकी लोग आतंकियों को डर से घरों में बैठ गए थे बालासाहेब ठाकरे देश में अकेले नेता थे
जिन्होंने कश्मीरी पंडितों का दर्द समझा था और मांग की थी कि उनके हाथों में एके 47 थमाई जाए.
उनके बच्चों को महाराष्ट्र में शैक्षणिक सुविधा दी. महाराष्ट्र के अलावा किसी और राज्य ने कश्मीरी पंडितों के लिए क्या किया?’
इस पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘संजय राउत को क्या सच्चाई मालूम है? वो कब कश्मीर गए?
वो बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना का दौर था.
यह कोई अलग ही शिवसेना का दौर है.
अरे बैठ कर सोचो, विचारो तो कभी, तुम क्या थे और क्या हुए हो अभी.’