Akhilesh Yadav होंगे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, फिर सामने आई चाचा-भतीजा की कलह

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Akhilesh Yadav

लखनऊ:अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को आज सपा विधायक दल और विपक्ष का नेता चुना गया है.

आज बैठक के समाजवादी पार्टी के विधायकों को लखनऊ बुलाया गया था, ताकि विधायक दल का नेता चुना जा सके.

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को पार्टी विधायक दल का नेता चुन लिया गया,वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी होंगे.

चुनाव के बाद से ही अखिलेश यादव के सांसद या विधायक बने रहने को लेकर चर्चा भी चली.

जिसके बाद अखिलेश यादव ने आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा देने का निर्णय लिया.

अखिलेश यादव चुनाव में बहुमत न हासिल करने के बाद भी लगातार योगी सरकार पर तंज कर रहे हैं.

माना जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष के रुप में अखिलेश सीएम योगी (CM Yogi) को कड़ी चुनौती देंगे.

वहीं यूपी सपा प्रमुख नरेश उत्तम पटेल ने बताया कि अखिलेश यादव ने हमारे सहयोगी दलों के नेताओं,

राष्ट्रीय अध्यक्षों और विधायकों को 28 मार्च को आमंत्रित किया है.

उस दिन सदन की कार्यवाही पर चर्चा की जाएगी.

इस पर भी चर्चा होगी कि सदन में जनता के मुद्दों को कैसे उठाया जाएगा.

दरअसल उत्तर प्रदेश की करहल विधानसभा सीट (Karhal Assembly Seat) से सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 2022 विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की.

उन्होंने बीजेपी नेता व केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को 67504 वोटों से हराया.

अखिलेश यादव को 148196 वोट मिले.

वहीं, एसपी सिंह बघेल को 80692 वोटों से ही संतोष करना पड़ा.

करहल उत्तर प्रदेश की सबसे हॉट सीटों में से था.

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कभी मैनपुरी जिले की इस सीट (Karhal Assembly Seat) से मुलायम सिंह यादव ने अपनी पार्टी की शुरुआत की थी.

करहल विधानसभा क्षेत्र को यादव बाहुल्य सीट भी माना जाता था.

अब तक यहां से सबसे ज्यादा यादव प्रत्याशी ही चुनाव में जीते हैं.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली हार के बाद पार्टी के भीतर कलह सामने आने लगी है,

जो अखिलेश के लिए भी बड़ी चुनौती है.

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) बताया जा रहा है कि एसपी मुखिया से नाराज हैं.

क्योंकि राजधानी लखनऊ में आज पार्टी के विधायक दल की बैठक में शिवपाल सिंह को नहीं बुलाया गया है.

जबकि शिवपाल सिंह ने जसवंत नगर का विधानसभा चुनाव एसपी के टिकट पर ही लड़ा था.

चर्चा है कि नवनिर्वाचित विधायकों की पहली बैठक में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उन्हें आमंत्रित नहीं किया.

वहीं एक मीडिया संस्थान से बातचीत में शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि पार्टी ऑफिस से उनके पास कोई फोन नहीं आया है.

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