कोलंबो:Sri Lanka Crisis:श्रीलंका राष्ट्रपति और उनके बड़े भाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को छोड़कर, सरकार के हर मंत्री ने रविवार को इस्तीफा दे दिया.
1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से अबतक का सबसे बड़ा आर्थिक संकट झेल रहे,
श्रीलंका ने ईराक, नॉर्वे और ऑस्ट्रेलिया में अपने दूतावास बंद कर दिए हैं
क्योंकि सरकार के पास स्टॉफ को देने के पैसे नहीं हैं.
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका सरकार ने मंगलवार को ऐलान किया कि वो 30 अप्रैल से नॉर्वे, ईराक और ऑस्ट्रेलिया में अपने दूतावास को अस्थाई तौर पर बंद कर रहे हैं.
इससे पहले रविवार को श्रीलंका सरकार के हर मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनके भाई प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे को छोड़कर बाकी सभी नेता सरकार से जा चुके हैं.
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सभी राजनीतिक दलों से कहा था कि वो मंत्री पद स्वीकार करें लेकिन सभी पार्टियों ने एक सुर से मना कर दिया.
मंगलवार को गठबंधन में शामिल 41 सांसदों ने सरकार में असंतोष जताते हुए सदन से वॉकआउट कर लिया था.
यही नहीं श्रीलंका के सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजित काबराल अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं,
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं.
खाने-पीने की चीजों के सामान आसमान छू रहे हैं. देश में खाने से लेकर ईंधन तक सबकी भारी कमी है.
सरकार के खिलाफ लोग सड़क पर आ गए जिसके बाद सरकार ने कर्फ्यू लगा दिया था,
जिसे बाद में हटा लिया गया लेकिन देश में अब भी इमरजेंसी जैसे हालात हैं.
संकट की घड़ी से गुजर रहे श्रीलंका को भारत ने मदद की पेशकश की है.
भारत सरकार ने श्रीलंका को आर्थिक संकट से निपटने के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लोन देने की घोषणा की है.
भारी कर्ज में डूबे श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार खाली पर आ गया है.
इसके अलावा श्रीलंका की करेंसी भी रिकार्ड निचले स्तर पर आ गई है.
चीन का भारी कर्ज भी श्रीलंका को दिवाली बनाने में अहम कारक है.
सरकार के खिलाफ विरोध तेज होने के बाद, फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर और यूट्यूब सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बैन कर दिया गया था.
हालांकि बाद में सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध हटा लिए गए.