नयी दिल्ली: Covid 4th wave: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic) का प्रकोप भारत में जरूर कम हुआ है लेकिन एशिया और यूरोप के कई देशों को कोरोना की चौथी लहर का सामना करना पड़ रहा है.
बेशक देश में कोरोना के मामले अब न के बराबर हैं,
लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय महामारी को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहता है.
Covid 4th wave : यही वजह है कि मंत्रालय ने शुक्रवार को 18 साल की आयु से ऊपर के लोगों के लिए 10 अप्रैल से बूस्टर डोज लगवाने की घोषणा की है.
केंद्र द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि 18 साल से ऊपर के लोग,
जिन्होंने दूसरी खुराक लेने के नौ महीने पूरे कर लिए हैं, वो बूस्टर डोज के लिए पात्र होंगे.
Covid 4th wave:दस अप्रैल से निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस वैक्सीन की तीसरी खुराक ले सकते हैं.
इस दौरान सरकार की तरफ से चल रहा मुफ्त टीकाकरण अभियान जारी रहेगा
और कोई भी व्यक्ति पहली और दूसरी खुराक ले सकेगा.
बताया जा रहा है कि देश में लगभग 96% लोगों ने कम से कम एक कोविड वैक्सीन की खुराक ली है
जबकि लगभग 83% लोग दोनों खुराक ले चुके हैं.
चलिए जानते हैं कि बूस्टर डोज क्या है,
इसके क्या फायदे हैं और क्या इससे कोरोना की चौथी लहर को रोकने में मदद मिलेगी.
कोरोना वायरस के खिलाफ जितनी भी वैक्सीन बनाई गई हैं,
उन्हें लगवाने के बाद भी लोगों में कोरोना के मामले पाए गए हैं.
दरअसल कुछ वैक्सीन की प्रभावशीलता कुछ महीनों बाद कमजोर पड़ने लगती है.
बूस्टर लगवाने से लंबे समय तक सुरक्षा मिलती है और इसे लगवाने से डेल्टा और ओमीक्रोन वेरिएंट के खिलाफ भी सुरक्षा मिलती है.
बूस्टर डोज लगवाने के बाद आपको कुछ अस्थायी लक्षण अनुभव हो सकते हैं.
टीका लगवाने स्थान पर हल्का घाव या सूजन के साथ बुखार हो सकता है.
इसके अलावा एक या दो दिन के लिए शरीर में दर्द, सिरदर्द और थकान जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं.
कई देशों को चौथी लहर का सामना करना पड़ रहा है.
भारत में कोरोना के नए वेरिएंट्स के प्रभाव को लेकर डब्ल्यूएचओ की वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा था कि यहां कोरोना के नए वेरिएंट का उतना असर नहीं होगा क्योंकि ज्यादातर लोगों ने टीके लगवा लिए हैं.
उन्होंने बताया था कि यहां लोगों में कोरोना के वेरिएंट्स के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो गई है.