Mallikarjun Kharge से नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की पूछताछ

0
423
Mallikarjun Kharge

नई दिल्ली: मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) नेशनल हेराल्ड मामले (National Herald case) में ईडी का शिकंजा गहराता जा रहा है.

Mallikarjun Kharge से अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम पूछताछ कर रही है.

बताया जा रहा है कि, ईडी ने खड़गे को समन भेजकर सोमवार को तलब किया था.

वह करीब 11 बजे प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचे, इसके बाद से उनसे पूछताछ जारी है.

नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी ‘एजेएल’ के पास था,

जो दो और अखबार भी छापा करती थी.

हिंदी में ‘नवजीवन’ और उर्दू में ‘कौमी आवाज’.

आजादी के बाद 1956 में एसोसिएटेड जर्नल को अव्यवसायिक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया

और कंपनी एक्ट धारा 25 के अंतर्गत इसे कर मुक्त भी कर दिया गया.

Mallikarjun Kharge:वर्ष 2008 में ‘एजेएल’ के सभी प्रकाशनों को निलंबित कर दिया गया और कंपनी पर 90 करोड़ रुपए का कर्ज भी चढ़ गया.

फिर कांग्रेस नेतृत्व ने ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की एक नई अव्यवसायिक कंपनी बनाई,

जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया.

इस नई कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास 76 प्रतिशत शेयर थे,

जबकि बाकी के 24 प्रतिशत शेयर अन्य निदेशकों के पास थे.

कांग्रेस पार्टी ने इस कंपनी को 90 करोड़ रुपए बतौर ऋण भी दे दिया.

इस कंपनी ने ‘एजेएल’ का अधिग्रहण कर लिया.

भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने वर्ष 2012 में एक याचिका दायर कर कांग्रेस के नेताओं पर ‘धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया.

उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ ने,

सिर्फ 50 लाख रुपयों में 90.25 करोड़ रुपए वसूलने का उपाय निकाला जो ‘नियमों के खिलाफ’ है.

दिल्ली की एक अदालत ने मामले में चार गवाहों के बयान दर्ज किए,

और 26 जून 2014 को अदालत ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित नई कंपनी में निदेशक बनाए गए,

सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और मोतीलाल वोरा को पेश होने का समन भेज दिया.

सुब्रमण्यन स्वामी ने नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी,

दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा पर आरोपलगाए थे.

सुब्रमण्यन स्वामी का आरोप था कि यंग इंडिया लिमिटेड के जरिए गलत तरीके से इसका अधिग्रहण किया गया है,

और कांग्रेस नेताओं ने 2,000 करोड़ रुपये तक की संपत्ति हथिया ली.

इस मामले की जांच 2014 में ईडी की ओर से शुरू की गई थी.

कांग्रेस इस मामले को लेकर कहती रही है कि यंग इंडिया लिमिटेड का मकसद प्रॉफिट कमाना नहीं है,

बल्कि इसका गठन चैरिटी के लिए किया गया है.

Follow us on Facebook

Follow us on YouTube

Download our App

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here