नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) 2024 के आम चुनाव से पहले पार्टी के साथ जुड़ेंगे या नहीं.
कांग्रेस आलाकमान आज अपनी महत्वपूर्ण बैठक में ये फैसला ले सकती है,
प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के प्रस्ताव पर पार्टी कांग्रेस आलाकमान की अंतिम बैठक माना जा रहा है और आज इस पर निर्णय होने की उम्मीद है.
उधर कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाओं के बीच,
प्रशांत किशोर की कंपनी IPAC ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखऱ राव की पार्टी के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लिया है.
तेलंगाना में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पीके की कंपनी केसीआर का साथ देगी.
बता दें कि शनिवार से ही प्रशांत किशोर ने हैदराबाद में केसीआर के आधिकारिक निवास में डेरा डाल रखा है.
सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर के सामने शर्त रखी थी,
कि वह किसी और राजनीतिक दल के लिए काम नहीं करेंगे
और पूरी तरह से कांग्रेस के लिए समर्पित रहेंगे.
सूत्रों ने यह भी कहा है कि प्रशांत किशोर ने सुझाव दिया था कि कांग्रेस,
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और केसीआर की तेलंगाना राष्ट्र समिति सहित क्षेत्रीय ताकतों के साथ गठजोड़ करे.
पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के अलावा, प्रशांत किशोर के प्रस्ताव पर,
उन्हें एक रिपोर्ट सौंपने वाली सात सदस्यीय समिति के सदस्य बैठक के लिए पार्टी प्रमुख के आवास पर पहुंच गए हैं.
समिति के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल,
मुकुल वासनिक,अंबिका सोनी, जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह और रणदीप सिंह सुरजेवाला हैं.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और वरिष्ठ नेता एके एंटनी भी बैठक के लिए कांग्रेस अध्यक्ष के 10 जनपथ आवास पर पहुंच गए हैं.
चुनावी रणनीतिकार (Prashant Kishor) की अब तक कांग्रेस नेतृत्व के साथ तीन बैठकें हो चुकी हैं.
जिसके दौरान उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में चुनावी हार पर मंथन करते हुए पार्टी को फिर से जीवंत करने की अपनी योजना पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया है.
हालांकि, कांग्रेस के दिग्गजों का एक वर्ग चुनावी रणनीतिकार के साथ साझेदारी से सावधान रहा है,
क्योंकि कई पार्टियों के साथ उनका जुड़ाव है जो कि कई राज्यों में कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी हैं.
पार्टी के सूत्रों ने पहले संकेत दिया है कि सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर के प्रस्ताव का मूल्यांकन करने के लिए,
बनाई गई विशेष टीम चाहती है कि वह अन्य सभी राजनीतिक दलों से अलग हो जाएं
और खुद को पूरी तरह से कांग्रेस के लिए समर्पित कर दें.
प्रशांत किशोर आधिकारिक रूप से आईपैक से पूरी तरह अलग हो गए हैं. वह पहले आईपैक के सारे फैसले खुद लिया करते थे.
कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रशांत किशोर के कहीं कांग्रेस में शामिल होने की बात एक बार फिर खटाई में न पड़ जाए.