Uddhav Thackeray government पर खतरा शिवसेना में बगावत, एकनाथ शिंदे को मनाने की कोशिशें हुई तेज

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Uddhav Thackeray government

मुंबई: उद्धव ठाकरे सरकार (Uddhav Thackeray government) पर खतरे की घंटी बज गई है.

महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री और उन्हीं की पार्टी शिवसेना के शीर्ष नेता एकनाथ शिंदे कथित तौर पर भाजपा शासित गुजरात में सूरत के मेरिडियन होटल में पार्टी के 21 अन्य विधायकों के साथ ठहरे हुए हैं.

उनसे पार्टी नेता संपर्क नहीं कर पा रहे हैं.सूत्रों का कहना है कि एकनाथ शिंदे, जो कथित तौर पर नाराज हैं, पार्टी के “संपर्क से दूर” हैं.

Uddhav Thackeray government: यह पता चला है कि पालघर के विधायक श्रीनिवास वांगा, अलीगढ़ के विधायक महेंद्र दलवी और भिवंडी ग्रामीण के विधायक शांताराम मोरे भी “पहुंच से बाहर” हैं.

सूत्रों ने बताया कि गुजरात के होटल में शिवसेना के कुल 22 विधायक ठहरे हुए हैं, जिनमें से पांच मंत्री हैं.

बताया गया है कि हालात को संभालने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आपात बैठक कर रहे हैं.

बीजेपी पर निशाना साधते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा,

“यह मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह ही उद्धव ठाकरे सरकार को गिराने की भी साजिश है.”

उन्होंने कहा, “शिवसेना वफादारों की पार्टी है. हम ऐसा नहीं होने देंगे.”

राउत ने आगे कहा कि उन्होंने सूरत में ठहरे कुछ विधायकों से बात की है.

उन्होंने कहा, “उनमें से कुछ लौटना चाहते हैं, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है.”

उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी विधायक “वफादार शिव सैनिक” हैं.

महाराष्ट्र में विधायकों की बड़ी बगावत और राज्य के मंत्री एकनाथ शिंदे के सूरत पहुंचने के बाद उद्धव सरकार खतरा मंडरा रहा है.

इस बीच, बीजेपी पूरे मामले को लेकर एक्शन में आ गई है.

बीजेपी अध्य़क्ष जेपी नड्डा केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने उनके आवास पर पहुंचे हैं.

उधर, देवेन्द्र फडणवीस भी महाराष्ट्र से नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं.

विपक्षी भाजपा के सूत्रों ने दावा किया है कि शिंदे के साथ शिवसेना के 13 विधायकों के अलावा सूरत के होटल में पांच निर्दलीय विधायक भी हैं.

यह संकट सत्तारूढ़ गठबंधन महा विकास अघाड़ी और भाजपा के विधान परिषद चुनावों में पांच-पांच सीटें जीतने के कुछ घंटों बाद आया है.

विपक्षी भाजपा ने सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की.

कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे सत्ताधारी गठबंधन के लिए एक झटके में हार गए.

Uddhav Thackeray government:एकनाथ शिंदे की गिनती शिवसेना के कद्दावर नेताओं में होती है. उन्होंने प्रदेश में संगठन को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

उनका यह कदम उद्धव ठाकरे सरकार के लिए मुसीबतें बढ़ा सकता है.

गठबंधन में शामिल शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी तीनों दलों से शिंदे नाराज बताए जा रहे हैं.

गौरतबल है कि महाविकास अघाड़ी की महाराष्ट्र में सरकार बनी तो शिंदे को मंत्री बनाया गया था.

वहीं शिवसेना के पूर्व नेता नारायण राणे, जो अब भाजपा के साथ हैं.

उन्होंने इस घटनाक्रम पर कहा है कि ऐसी चीजों पर कोई टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता महेश तापसे ने बताया कि महा विकास अघाड़ी सरकार का भविष्य “बिल्कुल सुरक्षित” है.

वह वर्ष 2004, 2009, 2014 तथा 2019 में लगातार चार बार महाराष्ट्र विधानसभा में चुने गए.

2014 में जीत के बाद उन्हें शिवसेना विधायक दल का नेता चुना गया था,

और फिर वह महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे.

एकनाथ शिंदे के पुत्र श्रीकांत शिंदे इस वक्त लोकसभा सांसद हैं, और उनके भाई प्रकाश शिंदे इस समय पार्षद हैं.

बताया जाता है कि एकनाथ शिंदे पार्टी से नाराज़ चल रहे हैं, क्योंकि उन्हें हाशिये पर डाल दिया गया था.

एमएलसी चुनाव में क्रॉस वोटिंग की खबरों के बाद,

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे के 25 विधायकों के साथ सूरत जाने से राज्य सरकार पर खतरे का बादल मंडरा रहा है.

वहीं दूसरी तरफ सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे,

अब शिवसेना के बड़े नेताओं के साथ बातचीत करने को तैयार हैं. सूरत में मिलने के लिए तैयार हैं.

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