नई दिल्ली: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने आज सोनिया गांधी से मुलाकात की और ये साफ कर दिया है कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे.
उन्होंने कहा कि मैं एक लाइन का प्रस्ताव नहीं पास करवा पाया ये मेरी नाकामी है.
मैंने राजस्थान की घटना के लिए सोनिया गांधी से माफी मांगी है.
मैं राजस्थान का सीएम रहूंगा या नहीं इसका निर्णय सोनिया गांधी लेंगी.
CM Ashok Gehlot ने आगे कहा कि राजस्थान में दो दिन पहले जो हुआ उसने हिलाकर रख दिया.
पिछले 50 साल में राजीव जी से लेकर सोनिया गांधी तक मैंने वफादार सिपाही रूप में काम किया है.
मैं राजस्थान का मुख्यमंत्री हूं, ऐसे में जिम्मेदारी लेकर मैंने माफी मांगी हैं.
हालांकि मैं उस काम में शामिल नहीं था.
माडिया कई बार अपने हिसाब से लिखता है, जबकि असली बात कुछ दूसरी होती है.
अशोक गहलोत ने ऐसे समय में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ने का एलान किया है
जब पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) इस चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की तैयारी में हैं.
लोकसभा सदस्य शशि थरूर 30 सितंबर को अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे.
राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच पार्टी पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने मंगलवार (27 सितंबर) को ‘घोर अनुशासनहीनता’ के लिए,
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी तीन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की थी.
इसके कुछ देर बाद ही पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की ओर से
इन्हें ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी कर दिये गये.
राजस्थान में संकट से पहले गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा था कि वह पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे.
हालांकि राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद से ही उनकी इस उम्मीदवारी पर प्रश्नचिन्ह लग गया था.
अब उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद साफ कर दिया कि वह चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं.