Parag Agarwal:उद्योगपति एलन मस्क ट्विटर के नए मालिक बन गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर की कमान संभालते ही चार शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों को हटा दिया,
जिनमें भारतीय मूल के सीईओ (मुख्य कार्यकारी) पराग अग्रवाल और कानूनी मामलों के कार्यकारी अधिकारी विजय गड्डे भी शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पराग अग्रवाल ट्विटर से खाली हाथ नहीं जाएंगे.
उनके हाथ एक अच्छी खास रकम आने वाली है.
सौदे के एक हिस्से के रूप में, पराग अपने अनिवेशित इक्विटी अवॉर्ड्स का 100% निवेश करेंगे.
रिसर्च फर्म इक्विलर के अनुसार, इसका मतलब है कि वह अनुमानित $42 मिलियन (345 करोड़ रुपये से अधिक) कमाएंगे.
ट्विटर के प्रॉक्सी के मुताबिक, 2021 में पराग अग्रवाल का कुल मुआवजा $30.4 मिलियन था,
जब वह मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी थे.
Parag Agarwal:सीईओ के रूप में अग्रवाल का वेतन सालाना $1 मिलियन (9 करोड़ 24 लाख रुपये) बताया गया था.
पराग को पिछले साल नवंबर में कंपनी के सह-संस्थापक जैक डोर्सी के इस्तीफे के बाद ट्विटर का सीईओ नियुक्त किया गया था.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बॉम्बे और स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर चुके अग्रवाल ने एक दशक से अधिक समय पहले ट्विटर में नौकरी शुरू की थी.
उस समय कंपनी में 1,000 से भी कम कर्मचारी हुआ करते थे.
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर के अनुसार,
“पिछले साल ट्विटर के सीईओ नियुक्त किए गए अग्रवाल की मस्क के साथ सार्वजनिक और निजी रूप से कहासुनी हो गई थी.
मस्क ने ‘कंटेंट मॉडरेशन’ (ऑनलाइन सामग्री की निगरानी और छंटनी की प्रक्रिया) के मामले में गड्डे की भूमिका की भी सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पराग अग्रवाल और मस्क के बीच अच्छे संबंध नहीं थे.
एलन मस्क ने ट्विटर के शीर्ष अधिकारियों पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी अकाउंट्स की संख्या को लेकर
उन्हें और ट्विटर निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया था.
मस्क ने गुरुवार को कहा था कि वह ट्विटर को ‘अधिक मानवता की मदद करने की कोशिश करने के लिए खरीद रहे हैं, जिससे मैं प्यार करता हूं.’
मस्क ने सौदे के बारे में एक शुरुआती फाइलिंग में कहा था, “मुझे प्रबंधन पर भरोसा नहीं है.”
वहीं ट्विटर की डील पूरी होने के बाद आज शुक्रवार सुबह एलन मस्क ने एक ट्वीट किया.
the bird is freed
— Elon Musk (@elonmusk) October 28, 2022
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि, “पक्षी मुक्त हो गया है”. वहीं इससे पहले कल उन्होंने अपना ट्विटर बायो चेंज करके ‘चीफ ट्विट’ में बदल दिया था.
उन्होंने 4 अप्रैल को $44 बिलियन का अधिग्रहण शुरू किया जब मस्क ने घोषणा की कि कंपनी में उनकी 9.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिससे वे सबसे बड़े शेयरधारक बन गए.
हालांकि, मई के मध्य तक मस्क ने खरीद के बारे में अपना विचार बदल दिया,
इस चिंता का हवाला देते हुए कि माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर फर्जी खातों की संख्या ट्विटर के दावे से अधिक थी.
इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि वह अब 44 अरब डॉलर के सौदे के साथ आगे नहीं बढ़ना चाहते हैं.
ट्विटर ने तर्क दिया कि अरबपति कानूनी रूप से कंपनी को खरीदने के लिए प्रतिबद्ध था
और उसने मुकदमा दायर किया.
बता दें, ट्विटर समूह ने उन्हें 27 अक्टूबर तक डील पूरी करने या फिर कानूनी कार्रवाई झेलने की डेडलाइन दी थी.