नई दिल्ली:Azam Khan की विधायकी रद्द किये जाने के खिलाफ लगाई गई याचिका गुरुवार को रामपुर कोर्ट ने खारिज कर दी.
Azam Khan की सदस्यता अयोग्य होने के बाद अब रामपुर सदर से चुनाव का रास्ता साफ हो गया है.
अब 11 तारीख को रामपुर नगर विधानसभा के उपचुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है.
दो घंटे चली सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने सुनवाई के बाद उनकी अपील खारिज कर दी.
सुप्रीम कोर्ट की ओर से हुई सुनवाई के क्रम में आजम खान का पक्ष रखने के लिए हाई कोर्ट के वकीलों की टीम लखनऊ से रामपुर पहुंची थी.
हालांकि, इसका फायदा आजम खान को नहीं मिल पाया.
रामपुर कोर्ट में आजम खान पर सुनवाई को उनके करियर से जोड़कर देखा जा रहा था.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की विधायकी रद्द किये जाने के खिलाफ लगाई गई याचिका पर बुधवार को सुनवाई की थी.
अदालत ने कहा था कि आजम खान को उचित मौका दिया जाना चाहिए.
अदालत ने रामपुर सेशन कोर्ट को आजम खान की अर्जी पर गुरुवार को ही सुनवाई करने का निर्देश भी दिया था.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज इस मुद्दे पर सुनवाई हुई और अदालत ने सपा नेता की याचिका को खारिज कर दिया.
गौरतलब है कि आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में दोषी ठहराने
और उन्हें 3 साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया है.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर भड़काऊ भाषण दिए थे.
27 अक्टूबर को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 और रैम्प के तहत उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
सदस्यता जाने को लेकर आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी
जिस पर कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा था.
इससे पहले 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय निर्वाचन आयोग से जवाब तलब किया था.
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस डी. वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद को खान की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था.
पीठ ने प्रसाद से उनकी याचिका को निर्वाचन आयोग के स्थायी अधिवक्ता तक भी पहुंचाने के लिए कहा.
अदालत ने प्रसाद से कहा था, ‘‘उन्हें अयोग्य ठहराने की क्या जल्दी थी?
आपको कम से कम उन्हें कुछ मोहलत देनी चाहिए थी.”